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दुर्ग: चंदखुरी गौठान बना स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए आजीविका का जरिया

– डेयरी से 38 हजार रूपए प्रतिमाह कमा रही हैं ‘‘राजश्री’’ समूह की महिलाएं
– 5 साहीवाल नस्लों की गायों से प्रतिदिन 30 लीटर दूध का होता है उत्पादन


दुर्ग,  जिले के ग्राम पंचायत चंदखुरी के राजश्री महिला स्व सहायता समूह 5 साहीवाल नस्ल के द्वारा दुग्ध व्यवसाय का संचालन किया जा रहा है। जिससे उत्पादित दुध को पोटिया के साईं मिल्क पार्लर में विक्रय कर समूह की दीदियां एक बेहतर आमदनी आय के रूप में प्राप्त कर रही है। इन उच्च नस्ल की गायों के द्वारा प्रतिदिन 30 लीटर दूध की प्राप्ति हो रही है। जिसे मिल्क पार्लर में 42 रूपए प्रतिलिटर की दर से समूह के द्वारा बेचा जा रहा है। अर्थात् दिए गए आंकड़ों के आधार पर समूह की दीदियों को प्रतिमाह लगभग 38 हजार रूपए की आमदनी केवल दूध से प्राप्त हो रही है।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती टोमिन चंद्राकर ने बताया कि समूह के द्वारा न केवल डेयरी का संचालन किया जा रहा है बल्कि गोधन की सेवा भी की जा रही है। जिसके अंतर्गत साहीवाल नस्ल की गायों को नेपियर घास और यूरिया उपचारित पैरा आहार के रूप में प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही भीषण गर्मी के मद्देनजर गायों को नहलाने से लेकर पीने की  पानी की पर्याप्त व्यस्था भी गोठान में की गई है।
गौठान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है। शासन की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत जिले के ग्राम चंदखुरी के गौठान में विभिन्न प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें गाय पालन की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योकि गाय से न केवल दूध बल्कि खेती के लिए गोबर से खाद प्राप्त होता है। यह एक बहुत अच्छा व्यवसाय है। गाय पालन का व्यवसाय एक आय का स्त्रोत ही नहीं बल्कि लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है।
समूह की अन्य सदस्य श्रीमती श्रद्धा ठाकुर ने बताया कि गौठानों में संचालित विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों के माध्यम से सभी समूह आर्थिक दृष्टिकोण से फल फूल रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि डेयरी से होने वाली आमदनी उनके परिवारिक आर्थिक भार को कम करने में उपयोगी सिद्ध हो रही है। इसके साथ ही गाय के अन्य उत्पादों के माध्यम से भी समूह की महिलाओं को अतिरक्त आय प्राप्त हो रही है।

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