ओम माथुर का बस्तर में संघर्ष,डॉक्टर नंद कुमार साय कांग्रेस के हित में मंचो से दहाड़ रहे है
एक माह ही हुआ है मुश्किल से प्रदेश के दिग्गज आदिवासी नेता डॉक्टर नंद कुमार साय को भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए।डॉक्टर नंद कुमार साय भाजपा के वो नेता है जिन्होंने 50 साल पहले अपने खून पसीने से जन संघ और बाद में हुए भारतीय जनता पार्टी को शिशु अवस्था से युवा अवस्था तक पहुंचाने में अपने रात दिन एक किया था। आदिवासी समाज ही नही डॉक्टर नंद कुमार साय सर्व समाज के नेता माने जाते है। भाजपा से उनकी नाराजगी जाहिर है। बेखौफ पार्टी के गलत नीतियों के खिलाफ आवाज मुखर करने में उनका कोई बराबरी नहीं कर सकता था। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर इन दिनों बस्तर दौरे में है वही जनजाति समाज के एक कार्यक्रम से डॉक्टर नंद कुमार साय अपने चिर परिचित अंदाज में मंच से सभा को संबोधित कर कांग्रेस की नीति रीति को आदिवासियों के लिए छत्तीसगढ़ की जनता के लिए उचित बता रहे थे।उसी मंच में आदिवासी समाज के लोकप्रिय नेता आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे जिन्होंने डॉक्टर नंद कुमार साय को अपने अंदाज में बहुत बड़ा आदमी और भूपेश सरकार की नीति से प्रभावित होकर कांग्रेस में आना बताकर तारीफो की पुल बांध दी थी। बाहर हाल भाजपा को डॉक्टर नंद कुमार साय के पार्टी में रहने से कोई फायदा ना भी हो रहा हो लेकिन नुकसान तय माना जा रहा है। मात्र 20,25 दिन में ही सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ उन्होंने कई मंच साझा कर लिया है। बस्तर सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल संभाग में साय कांग्रेस के हित में सक्रिय किए जा रहे है कांग्रेस पार्टी की ओर से जिसका नुकसान भाजपा को होना शुरू हो गया है। मात्र 5 महिना शेष है विधान सभा चुनाव को और इस बीच भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाने वालो की संख्या बड़ सकती है।