छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती : राजेश मूणत

रायपुर। पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता राजेश मूणत ने  माननीय छत्तीसगढ़  हाईकोर्ट द्वारा  राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में चौपाटी बनाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनाये गए फैसले पर प्रतिक्रिया दी है।

मूणत ने कहा कि नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी कंपनी ने  एजुकेशन हब में चौपाटी का निर्माण संबंध में  गलत तथ्य प्रस्तुत करके कोर्ट को गुमराह करने का  प्रयास किया है।

मूणत ने आगे कहा कि हमारा अभी भी मानना है कि  रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में नगर निगम चौपाटी बना रहा है, वह अवैध है, हम हाईकोर्ट के फैसले को  सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि साइंस कॉलेज ग्राउंड और रविशंकर यूनिवर्सिटी कैंपस एजुकेशन हब है, यहां चौपाटी बनाना अवैधानिक है। हम सुप्रीम कोर्ट में  अपील करके नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी कंपनी  द्वारा पेश किये गए गलत तथ्यों को उजागर करेंगे।  न्यायपालिका पर हमारी   पूरी निष्ठा है, हमे उम्मीद है कि छात्र हित में चौपाटी के निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाएगी।

मूणत ने कहा कि नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी कंपनी ने  एजुकेशन हब में चौपाटी का निर्माण संबंध में  गलत तथ्य प्रस्तुत किये है,माननीय उच्च न्यायालय ने उसी के आधार पर फैसला सुनाया है।

जिस दिन  एजुकेशन हब में चौपाटी का विरोध शुरू हुआ था,तब खेल एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नगर निगम रायपुर और स्मार्ट सिटी कंपनी  को ज़मीन ट्रांसफर नहीं की गई थी। नगर निगम रायपुर,स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा कोर्ट में कहा गया है कि चौपाटी का निर्माण पूर्ण ही चुका है, जबकि जनता के साथ  6 महीने से  अवैध चौपाटी के  लड़ाई जारी है, इस दौरान भी राज्य सरकार ने अपनी हठधर्मिता को प्रदर्शित करते हुए चौपाटी का निर्माण जारी रखा,जो कि नियम विरूद्ध है।

मूणत ने आगे कहा कि मैं जनता को विश्वास दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ के युवा साथियो के लिए बनाये गए एजुकेशन हब में  बनाये जा रही अवैध चौपाटी के विरोध में कभी पीछे नहीं हटूंगा और भूपेश बघेल सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ जहां तक लड़ाई लड़नी होगी ,जरूर लडूंगा।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। उनके द्वारा यह तर्क दिया गया था कि यूथ हब ग्रीन कारीडोर डेवलपमेंट प्लान, 2011 (रिवाइज्ड प्लान, 2021) के विरुद्ध था।

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