छत्तीसगढ़रोजगार

समूह की दीदियों को रीपा ने आत्मनिर्भरता की दिखाई राह

मनेंद्रगढ़। प्रदेश सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के माध्यम से राज्य के महिलाओं और युवाओं को रोजगार के साथ ही उद्यमियों को अवसर देने का काम कर रही है। शासन के इन प्रयासों से लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। रीपा में स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका मूलक गतिविधियों से पर्याप्त रोजगार भी सृजित हो रहे हैं।

एमसीबी जिले के परसगढ़ी ग्राम के रीपा में काम करने वाली दीदियाँ स्टेशनरी सामग्री बनाने का काम कर रही हैं। रीपा में स्टेशनरी-प्रिंट यूनिट स्थापित की गई है जिसमें शिव महिला स्व-सहायता समूह ग्राम सांकरा के 10 दीदियाँ कार्यरत हैं। समूह की अध्यक्ष श्रीमती रनिया सिंह ने बताया कि वे विभिन्न स्टेशनरी उत्पाद जैसे कॉपी, रजिस्टर, डायरी और फ़ाईल पेड बना रहे हैं। रीपा में तैयार उत्पाद को सरकारी और ग़ैर सरकारी कार्यालयों, स्कूल, शाला-आश्रमों में मांग अनुसार उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होने बताया कि हम लोगों ने लगभग 250 नग कॉपी और 250 नग फाइल पेड तैयार कर लिया है। कार्य निरंतर जारी है।

समिति की सचिव श्रीमती सुमित्रा सिंह ने बताया कि यह यूनिट हाल ही में स्थापित की गई है। इसलिए वे इसकी मार्केटिंग भी कर रहे हैं, ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिले जिससे उन्हें ज्यादा से ज़्यादा आर्डर मिल सकें। उनके प्रयासों से स्थानीय बाजार एवं कार्यालयों से अच्छा प्रतिसाद मिला है और उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर भी सराहना हुई है। समिति के सदस्यों का कहना है कि रीपा के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। समूह के सदस्यों ने इस पहल के लिए राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।

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