आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 26 जुलाई 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – अधिक श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी दोपहर 03:52 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – स्वाती रात्रि 01:10 तक तत्पश्चात विशाखा
योग – साध्य दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात शुभ
राहु काल – दोपहर 12:46 से 02:26 तक
सूर्योदय – 06:08
सूर्यास्त – 07:25
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:42 से 05:25 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:08 तक
व्रत पर्व विवरण – वुधवारी अष्टमी
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
बुधवारी अष्टमी : 26 जुलाई 2023
पुण्यकाल : 26 जुलाई सूर्योदय से दोपहर 03:52 तक ।
बुधवारी अष्टमी को किये गए जप, तप, मौन, दान व ध्यान 10 लाख गुना फलदायी होता है ।
मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं । इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।
(शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)
दाँत साफ करने का तरीका
कितने ही लोग तर्जनी (अँगूठी के पास वाली उँगली) से दाँत साफ करते हैं । इससे मसूड़े कमजोर हो जाते हैं तथा दाँत जल्दी गिर जाते हैं क्योंकि तर्जनी में विद्युत शक्ति दूसरी उँगलियों की अपेक्षा अधिक होती है । अतः उससे दाँत नहीं घिसने चाहिए और आँखों को भी नहीं मसलना चाहिए ।
रुद्राक्ष-महिमा
रुद्राक्ष की माला को सभी मालाओं में श्रेष्ठ माना गया है तथा इस पर किये गए मंत्र जाप का फल भी सभी मालाओं पर किये गये जाप से कई सहस गुना ज्यादा मिलता है ।
रुद्राक्ष हृदय को स्वच्छ, मन को शांत तथा दिमाग को शीतल रखता है । दीर्घ आयु एवं स्वास्थ्य प्रदान करता है जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनको भूत-प्रेत आदि की बाधाएँ कभी भी परेशान नहीं करती हैं ।
रुद्राक्ष धारण करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं ।
वात और कफ तथा अन्य रोगों का शमन करता है । रक्त का शोधन करता है।
रुद्राक्ष के दाने रात को ताँबे के बर्तन में जल भरकर उसमें डाल दें । सुबह दानों को निकाल कर खाली पेट उस जल को से हृदय रोग तथा कब्ज आदि में लाभ मिलता है ।
रुद्राक्ष के दाने दूध में उबालकर दूध पीने से स्मरणशक्ति का विकास होता है और खाँसी में भी आराम होता है ।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के रोगियों के लिए तो रुद्राक्ष की माला वरदान- स्वरूप है । इसके लिए आवश्यक है कि रुद्राक्ष के दाने या रुद्राक्ष की माला रोगी के हृदय तक लटकती रहे अर्थात हृदय स्थल को स्पर्श करती रहे । यह रोगी के शरीर अनावश्यक गर्मी अपने में खींचकर उसे बाहर फेंकती है ।