छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर, राहुल-प्रियंका कब आएंगे : केदारनाथ गुप्ता

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की चिंता से पूरा देश इत्तेफाक रखता है। हिंसा किसी भी रूप में एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती, लेकिन पिछले 4 वर्षों से छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ लगातार हो रही हिंसाओं पर एक शब्द उनके मुख से नहीं निकलता, ये दोहरा चरित्र वांछनीय नहीं है। गुरुवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ में पत्रकारों से चर्चा करते हुए गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर नहीं जाने पर तो सवाल उठाते हैं पर छत्तीसगढ़ की जनता और प्रदेश भाजपा राहुल गांधी से यह जानना चाहती है कि वह हिंसा और अपराधों का गढ़ बनते जा रहे छत्तीसगढ़ क्यों नहीं आ रहे हैं? वह छत्तीसगढ़ की सरकार को समझाने, यहाँ के प्रशासन को दुरुस्त करने कब आएंगे? हिंसा और नशाखोरी रोकने के लिए प्रशासनिक क्षमताओं का विकास करने वह छत्तीसगढ़ कब आएंगे?

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि जहाँ तक मणिपुर का मसला है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पर चिंता और क्षोभ व्यक्त किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर गए भी थे। उसी परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ में बढ़ती हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की थी। अगर प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के हालात पर चिंता जताई थी तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उस पर संज्ञान लेना था। नक्सलियों का सफाया करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री शाह बस्तर में आकर ठहरते हैं, लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता 2 हजार रुपए के बंद होने जा रहे नोट बदलने के लिए नक्सलियों की ओर से बैंक की लाइन में खड़े होते हैं और नोट को खपाने के लिए घूमते हैं। इलाज कराने के लिए नक्सलियों को अस्पताल लेकर जाते हैं। अभी हाल ही हुए नक्सली सप्ताह में नक्सलियों ने हजारों ग्रामीणों को बंधक बनाकर अपना मार्चपास्ट दिखाया। गुप्ता ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मोहला-मानपुर के कांग्रेस विधायक शाह की मौजूदगी में एक सभा में कांग्रेस के आदिवासी नेता सरजू टेकाम ने खुलकर कहा कि भाजपा का कोई कार्यकर्ता अगर प्रचार के लिए आता है तो उसे काट डालेंगे। डीजीपी ने इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया? क्या मुख्यमंत्री बघेल को ये शब्द सुनाई नहीं दिए? क्या राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा तक यब बात नहीं पहुँची? क्या यह सुनियोजित सामूहिक हिंसा का प्रयास प्रदेश सरकार को नहीं दिख रहा है? क्या लोगों को उकसाने वाली यह मानसिकता दिखाई नहीं पड़ती?

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की लक्षित हत्या (टारगेट किलिंग) नक्सलियों द्वारा किए जाने की बात सामने आई है, क्या इसको इस तारतम्य से जोड़कर नहीं देखना चाहिए? गुप्ता ने सवाल दागते हुए कहा कि आखिर राहुल गांधी कब इन हालात की चिंता करेंगे? उन्हें कब छत्तीसगढ़ की यह चीत्कार सुनाई देगी? प्रदेश में आए दिन महिलाओं को जिंदा जला दिया जा रहा है, मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहे हैं। राजधानी में एक नवयुवती को पेट्रोल डालकर जला दिया गया, बिलासपुर में सामूहिक बलात्कार करके महिला को जिंदा जला दिया गया, कवर्धा में अगर रेप पीड़िता महिला को न्याय नहीं मिलता है तो वह पुलिस थाना और एसपी ऑफिस के सामने आत्मदाह को मजबूर होती है। प्रदेश की राजधानी के गुढ़ियारी क्षेत्र में एक युवक एक नाबालिग किशोरी को उसके बाल पकड़कर हाथ में गंडासा लिए सरेआम घुमाकर आतंक फैलाता है और पुलिस इसे रोकने में नाकाम होती है। पौन घंटे बाद पुलिस आती है। छत्तीसगढ़ में रोज ऐसे हादसे हो रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि इन हालात पर अपनी प्रदेश सरकार से काबू कराने के लिए राहुल गांधी छत्तीसगढ़ कब आएंगे?

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और घोटालों के नित-नए खुलासे होने पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि गरीबों का चावल घोटाला, कोयला घोटाला, शराब घोटाले, गौठान घोटाला, गोबर घोटाला, पीएससी गोटाला, व्यापमं घोटाला, शिक्षाकर्मियों के तबादले में घोटाला करके प्रदेश को शर्मसार किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी राहुल गांधी को आगाह किया है कि छत्तीसगढ़ में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, हिंसा बढ़ रही है। अडाणी पर लगातार हमलावर राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए गुप्ता ने कहा कि राहुल गांधी बार-बार अडाणी की बात करते हैं कि अडाणी को केंद्र सरकार सहयोग करती है। अडाणी को खदान देने से आदिवासियों ने मना किया था, आंदोलन भी किया था, बावजूद इसके कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने अडाणी को खदान देकर खनन की अनुमति दे दी। आखिर वे आदिवासियों का भी विरोध क्यों कर रहे हैं? मुख्यमंत्री बघेल और राहुल गांधी कब जागेंगे? प्रदेश के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। प्रदेश भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी लगातार छत्तीसगढ़ की चिंता कर रहे हैं, अब राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ की चिंता कब होगी, यह बड़ी चिंता का विषय है।

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