आज का व्रत व त्यौहार : आज तुला संक्रांति
न्युज डेस्क (एजेंसी)। हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप में और अगले दिन को एक नए महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है।
सबसे महत्वपूर्ण संक्रांतियों के नाम:
- तुला संक्रांति
- वृश्चिक संक्रांति
- धनु संक्रांति
- मकर संक्रांति – पौष संक्रांति
- कुम्भ संक्रांति
- मीन संक्रांति – फूलदेई
- मेष संक्रांति – [सोलर नववर्ष] / पना संक्रांति / विषुक्कणी / पोइला बोइशाख
- वृषभ संक्रांति
- मिथुन संक्रांति
- कर्क संक्रांति – हरेला
- सिंह संक्रांति – घी संक्रांति
- कन्या संक्रांति
संक्रांति, दान के लिए अनुकूल है, लेकिन इस दिन शुभ कार्यों से बचा जाता है। मकर संक्रांति एक समृद्ध चरण या संक्रमण के पवित्र चरण की शुरुआत का प्रतीक है। संक्रांति के बाद सभी पवित्र अनुष्ठान और शुभ समारोह किए जा सकते हैं।
संबंधित अन्य नाम संक्रान्ति
कारण सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि की ओर स्थानांतरित होना।
उत्सव विधि सूर्य भगवान की उपासना, दान-दक्षिणा, गंगा स्नान, पवित्र नदियों मे स्नान, मेला।