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भारत अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने वाली “एक महान शक्ति” : सर्गेई लावरोव

संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी)। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने वाली “एक महान शक्ति” है और मॉस्को के साथ उसके संबंधों को लेकर उस पर पूरी तरह से अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। 

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत एक महान शक्ति है, अपने राष्ट्रीय हितों को खुद तय करता है, अपने दोस्त खुद चुनता है, और हम जानते हैं कि भारत पर पूरी तरह से अनुचित दबाव डाला जा रहा है।

उन्होंने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना के खिलाफ रूस के साथ भारत के संबंधों, विशेष रूप से ऊर्जा सहयोग का बचाव करते हुए कहा,  मुझे लगता है कि भारत जो कर रहा है सही कर रहा है।

लावरोव ने प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा के बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की की टिप्पणी को बहुत अपमानजनक कहा। उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन के नई दिल्ली स्थित राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक को विदेश मंत्रालय में बुलाया और ज़ेलेंस्की की टिप्पणी पर विरोध जताया था।

ज़ेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट किया था, यह शांति प्रयासों के लिए बड़ा झटका है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता ने मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को ऐसे दिन गले लगाया जब कीव में बच्चों के अस्पताल पर रूसी मिसाइल से हमला हुआ था। भारत के साथ चीन को भी जोड़ते हुए, लावरोव ने एशियाई दिग्गजों की पश्चिमी देशों की ओर से हो रही आलोचना पर हमला किया।

उन्होंने कहा, मल्टीपोलर दुनिया एक वास्तविकता है। यह काल्पनिक नहीं है। उन्होंने कहा, यह सच है कि पश्चिम चीन जैसी शक्तियों के प्रति अपनी नाराजगी दिखाता है, यह कूटनीति की विफलता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा, इस तरह से व्यवहार करना वास्तव में ओछी बात है, खास तौर पर तब जब वे इन दो दिग्गजों से इस तरह से बात कर रहे हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के दौरान कहा था, हमने भारत के रूस के साथ संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम स्पष्ट बातचीत करते हैं, और इसमें रूस के साथ संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं।

लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री द्वारा रूस से ऊर्जा उत्पाद खरीदने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, मेरे सहयोगी सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने पश्चिमी देशों के दौरे के बाद रूस से अधिक तेल खरीदने के सवालों के जवाब में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि पश्चिमी देश भी रूस से गैस खरीद रहे हैं, प्रतिबंधों के बावजूद।

लावरोव ने कहा, और फिर उन्होंने कहा था कि भारत खुद तय करेगा कि उसे किसके साथ व्यापार करना है और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कैसे करनी है।

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