शुभांशु शुक्ला ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में प्रशिक्षण का पहला चरण सफलतापूर्वक किया पूरा
लखनऊ (एजेंसी)। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में प्रशिक्षण का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो ने शुक्रवार को जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण नासा और इसरो के संयुक्त मिशन “एक्सिओम-4” का हिस्सा है। शुभांशु को इस मिशन के लिए प्राइम एस्ट्रोनॉट चुना गया है।
इस मिशन में शुभांशु के साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी शामिल होंगे। दोनों अंतरिक्ष यात्री अप्रैल 2025 में स्पेसएक्स के यान के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना होंगे।
परिवार की भावनाएं:
अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलने को तैयार लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिवार में जश्न का माहौल है। माता-पिता और रिश्तेदार गर्व के इस मौके पर फूले नहीं समा रहे हैं। शुभांशु और मिशन की कामयाबी के लिए परिवार में प्रार्थना का दौर जारी है।
शुभांशु के पिता शंभु दयाल शुक्ला और मां ऊषा शुक्ला ने अपनी खुशी और गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि वे शुभांशु की सफलता के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं। शंभु दयाल ने बताया कि शुभांशु पिछले अप्रैल में लखनऊ आए थे, लेकिन तब से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई।
प्रशिक्षण की कठिनाइयां और तैयारी
अगस्त 2024 में शुरू हुए इस प्रशिक्षण में अंतरिक्ष यात्रियों को शून्य गुरुत्वाकर्षण, आपातकालीन स्थितियों और क्रू ड्रैगन यान संचालन की ट्रेनिंग दी गई। मिशन के तहत शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष में 14 दिनों तक रहेंगे और माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
पसंद और दिनचर्या
शुभांशु अपने खानपान को लेकर अनुशासित हैं। वे निर्धारित डाइट का पालन करते हैं और अधिकतर अपने हाथ से बना खाना पसंद करते हैं। उन्हें ब्लैक कॉफी बेहद पसंद है।
अंतरिक्ष यात्रा के जोखिम और महत्व
अंतरिक्ष यात्राएं चुनौतीपूर्ण होती हैं और इसमें मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एक्सिओम-4 मिशन का उद्देश्य न केवल वैज्ञानिक प्रयोग करना है, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए मूल्यवान डेटा जुटाना भी है। अप्रैल 2025 में शुभांशु और उनकी टीम की यह ऐतिहासिक यात्रा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।