छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में नई गाइडलाइन दरें लागू

अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य के निर्धारण में बड़ा सुधार

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य को अधिक वैज्ञानिक, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ‘छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000’ के अंतर्गत, वर्ष 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन दरें 20 नवंबर 2025 से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई हैं।

कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक द्वारा जारी इस आदेश के माध्यम से पिछले 7-8 वर्षों से लंबित संशोधन को पूरा किया गया है। पुराने दिशानिर्देशों के कारण वास्तविक बाजार मूल्य और सरकारी गाइडलाइन मूल्य के बीच असंतुलन लगातार बढ़ रहा था।

इन विसंगतियों को दूर करने और किसानों तथा आम नागरिकों को उनकी संपत्ति का सही मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ये व्यापक सुधार किए गए हैं। नई गाइडलाइन दरें शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के लिए एकसमान, सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित हैं।

शहरी क्षेत्रों की दर संरचना हुई सरल

शहरी क्षेत्रों में पहले एक ही मार्ग पर स्थित भूखंडों के लिए अलग-अलग दरें थीं, जिससे नागरिकों में असंतोष और पंजीकरण प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति पैदा होती थी।

समान दरें: नई गाइडलाइन में, मुख्य मार्ग और अन्य मार्गों के आमने-सामने स्थित क्षेत्रों की दरों को समान कर दिया गया है।

वार्डवार सरलीकरण: नगरीय निकाय क्षेत्रों में अनावश्यक और जटिल खंडों को हटाकर वार्डवार संरचना को सरल बनाया गया है, जिससे आम जनता के लिए अपनी संपत्ति का सही बाजार मूल्य समझना आसान हो गया है।

उदाहरण स्वरूप, जांजगीर-नैला में मुख्य चांपा रोड पर स्थित वार्ड 8 में दर $26,000$ रुपये प्रति वर्गमीटर और इसी मार्ग के वार्ड 17 में $22,800$ रुपये प्रति वर्गमीटर थी, जबकि भौगोलिक और व्यावसायिक रूप से ये दोनों क्षेत्र समान थे। नए दिशानिर्देशों में इस विसंगति को समाप्त कर अब दोनों क्षेत्रों में एक समान दर लागू कर दी गई है।

इसी प्रकार, नगर पालिका परिषद चांपा के महादेव वार्ड में 20 मीटर के भीतर स्थित संपत्ति के लिए $12,480$ रुपये और $7,880$ रुपये की दो अलग-अलग दरें थीं, जिससे पंजीकरण के समय ‘दर ओवरलैपिंग’ (Rate Overlapping) की समस्या आती थी। अब इन उपखंडों को मिलाकर एक एकीकृत और समान दर निर्धारित की गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों को मिला वास्तविक लाभ

ग्रामीण क्षेत्रों में भी मार्गों के दोनों ओर की भूमि की दरों में असमानता एक बड़ी समस्या थी।

ग्राम समूहीकरण: नई गाइडलाइन में समान महत्व वाले ग्रामों का समूहीकरण कर उनके लिए समान दरें लागू की गई हैं।

किसानों को फायदा: मुख्य मार्ग से जुड़े दोनों ओर के गांवों को एक जैसी दर प्रदान करने से किसानों को भूमि अधिग्रहण या बिक्री के समय उनके हक का वास्तविक मूल्य मिल सकेगा।

सरल मूल्यांकन: ग्रामीण क्षेत्रों में अब वर्गमीटर की दर को हटाकर अभिविन्यास आधारित दरें लागू की गई हैं, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो सकेगी।

पारदर्शी गाइडलाइन का उद्देश्य

नई गाइडलाइन दरों को लागू करने का मुख्य लक्ष्य किसानों और आम जनता को उनका वास्तविक अधिकार दिलाना है। पुरानी दरों के कारण कई बार किसानों को भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा मिलता था और खरीदारों को भी हाउसिंग लोन कम राशि का स्वीकृत होता था। ये नई दरें इन दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती हैं।

राज्य सरकार का मानना है कि दरों का यह संतुलित और तर्कसंगत पुनरीक्षण रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाएगा, अवैध धन के उपयोग को रोकेगा और पंजीकरण प्रक्रिया को विवादों से मुक्त बनाएगा। ये नई गाइडलाइन दरें न केवल संपत्ति बाजार को व्यवस्थित करेंगी, बल्कि पूरे प्रदेश में विकास की गति को भी बढ़ावा देंगी।

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