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बार-बार आ रहे हैं बुरे सपने? तो हो जाएं सावधान

नई दिल्ली (एजेंसी) । हमें सपने आना एक आम बात है, लेकिन जब यही सपने बुरे या डरावने हों और बार-बार आएँ, तो यह चिंता का विषय हो सकता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बुरे सपने आना नाइटमेयर डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है, जिसका अगर समय पर इलाज न हो तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है.

नाइटमेयर डिसऑर्डर क्या है?

जब किसी व्यक्ति को बार-बार बहुत डरावने सपने आते हैं और वह डर के मारे अचानक नींद से जाग जाता है, तो उसे नाइटमेयर डिसऑर्डर हो सकता है. जागने के बाद भी डर का एहसास कुछ समय तक बना रहता है. ऐसे सपने अक्सर देर रात में आते हैं, और इनके बाद दोबारा सोने में परेशानी हो सकती है. अगर आपको ये लक्षण कई दिनों से दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है. यह एक तरह का पैरासोमनिया है.

नाइटमेयर डिसऑर्डर के कारण

नाइटमेयर डिसऑर्डर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य हैं:

मानसिक तनाव: चिंता (टेंशन) और डिप्रेशन जैसे मूड स्विंग्स.

नींद की कमी: नींद में बार-बार रुकावट आना या पूरी नींद न ले पाना.

शारीरिक और मानसिक प्रभाव: थकान, दिन में नींद आना और काम में ध्यान न लग पाना.

व्यवहारिक समस्याएँ: व्यवहार से जुड़े मुद्दे.

नाइटमेयर डिसऑर्डर के लक्षण

जब आपको बुरे सपने आते हैं, तो ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

शारीरिक लक्षण: पसीना आना, साँस लेने में दिक्कत, और दिल की धड़कन का तेज़ होना.

भावनात्मक लक्षण: गुस्सा, चिंता, शर्मिंदगी और उदासी महसूस करना.

कौन हो सकता है प्रभावित?

नाइटमेयर डिसऑर्डर किसी को भी हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो या वयस्क, लेकिन कुछ बीमारियों से जूझ रहे लोगों में इसका खतरा ज़्यादा होता है. इनमें शामिल हैं:

नींद संबंधी विकार: जैसे आरईएम बिहेवियर डिसऑर्डर (RBD), नार्कोलेप्सी, और स्लीप एप्निया.

मनोवैज्ञानिक समस्याएँ: पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), एंग्जायटी डिसऑर्डर, सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर, और डिप्रेशन.

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