कहीं आपकी आँखें भी तो नहीं हो रहीं कमजोर? पहचानें ये शुरुआती संकेत

नई दिल्ली (एजेंसी)। पिछले कुछ समय में आँखों से जुड़ी परेशानियाँ काफी तेज़ी से बढ़ी हैं। एक अध्ययन के अनुसार, पिछले दस वर्षों में हर दस में से छह वयस्कों ने अपनी दृष्टि कमजोर (poor eyesight) होने का अनुभव किया है। लगभग 40 प्रतिशत लोगों को कभी-कभी देखने में दिक्कत महसूस होती है। वहीं, 74 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि उनकी नज़र कमज़ोर हो रही है, भले ही उन्हें इसके स्पष्ट लक्षण अभी दिखाई न दे रहे हों।
नेत्र विशेषज्ञों ने कुछ ऐसे महत्वपूर्ण संकेत बताए हैं, जिनकी मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि आपकी आँखें कमजोर हो रही हैं। यदि इन संकेतों पर ध्यान न दिया जाए और इलाज शुरू न किया जाए, तो आँखों की सेहत और तेज़ी से बिगड़ सकती है।
आँखों की कमजोरी दर्शाने वाले मुख्य संकेत
आपकी आँखें खराब हो रही हैं या नहीं, यह जानने के लिए इन लक्षणों पर ध्यान दें:
पठन दूरी में बदलाव: यदि आपको किसी रेस्टोरेंट में मेनू कार्ड या कोई भी छोटी लिखावट स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए उसे आँखों से दूर ले जाना पड़ता है।
डिजिटल ज़ूम का उपयोग: मोबाइल फोन या टैबलेट पर टेक्स्ट (शब्दों) को ठीक से पढ़ने के लिए आपको उन्हें लगातार ज़ूम करना पड़ता है।
चेहरे के हावभाव में बदलाव: पढ़ने या किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने के दौरान आपको आँखों पर जोर देना पड़ता है, जिसके कारण आपके चेहरे के हावभाव (जैसे भौंहें सिकोड़ना) बदल जाते हैं।
तेज़ रौशनी की आवश्यकता: सामान्य पठन या बारीक काम करने के लिए आपको पहले से अधिक या तेज़ रोशनी की ज़रूरत महसूस होती है।
दृष्टि का धुंधलापन: सामान्य पढ़ने की दूरी पर भी आपकी दृष्टि धुंधली (blurry) हो जाती है।
फोकस करने में मुश्किल: किसी वस्तु या पाठ पर ध्यान केंद्रित (focus) करने में परेशानी महसूस होना।
आँखों में तनाव और सिरदर्द: पढ़ने या बारीक़ काम खत्म करने के बाद आँखों में तनाव (strain) या सिरदर्द महसूस होना।
अपनी आँखों को स्वस्थ कैसे रखें?
आँखों की देखभाल के लिए इन बातों का पालन करना आवश्यक है:
पोषक तत्वों से भरपूर आहार: अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स शामिल करें। विटामिन सी, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ (जैसे पालक), और मछली (Fish), संतरा जैसे खाद्य पदार्थ आँखों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं।
पर्याप्त हाइड्रेशन: शरीर और आँखों को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पर्याप्त पानी पीने से आँखों में होने वाली रूखेपन (dryness) की समस्या कम होती है, जिससे आँखों को आराम मिलता है।
धूम्रपान छोड़ें : धूम्रपान कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है और आँखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इससे मोतियाबिंद , ऑप्टिक नर्व डैमेज और नज़र ख़त्म होने जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
स्क्रीन टाइम का प्रबंधन : लंबे समय तक कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी स्क्रीन पर देखने से भी आँखों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। स्क्रीन टाइम को कम करें और हर घंटे के बाद कम से कम 20 मिनट का ब्रेक लें।
















