छत्तीसगढ़

कर्मचारियों के हड़ताल के कारण राजस्व विभाग ठप्प पड़ा : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर। कर्मचारियों के हड़ताल के कारण राजस्व विभाग ठप्प पड़ा हुआ है। आम आदमी पटवारी से लेकर तहसील ऑफिस के चक्कर काटने को मजबूर है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों की अनुभवहीनता और अदूरदर्शिता का खामियाजा प्रदेश की जनता भोगने मजबूर है। किसानी का समय है, खरीफ की बुवाई हो चुकी है, रोपा बियासी की तैयारी है। राजस्व अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल के चलते नामांतरण और बटवारा, हक़त्याग, त्रुटि सुधार, ऋण पुस्तिका जैसे काम के लिए आम जनता को तहसील कार्यालयों के चक्कर काटना पड़ रहा है, कोई काम नहीं हो रहा है। विष्णुदेव साय की सरकार का पूरा फोकस वसूली गैंग चलाने में है, भू माफियाओं को सरकारी संरक्षण है, खसरा लॉक करके मोटा रकम वसूला जा रहा है। आम जनता, किसानों, विद्यार्थियों और पालकों की परेशानी से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कोई सरोकार नहीं है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पटवारी की ज्यादातर मांगे, आम जनता को हो रही परेशानियों को लेकर है। संशोधन और त्रुटि सुधार के अधिकार के लिए है। तहसीलदार संघ की मांग भारतीय जनता पार्टी के कुशासन में बढ़ते अपराध के खिलाफ है। जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से दबंगई बढ़ गई है, अधिकारी कर्मचारियों को डराया जा रहा है, एक तहसीलदार से मारपीट और गाली-गलौज की गई थी, जिसके खिलाफ प्रदेश भर के तहसीलदार आंदोलित हैं, सरकार को इस मामले में संवाद तत्काल कार्यवाही करना चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को जनता की समस्या से कोई सरोकार नहीं है, जिसके चलते किसानों, छात्रों और उनके परिजनों को भटकना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का राजस्व पखवाड़ा सिर्फ राजनीतिक इवेंट बनकर रह गया है। पटवारी, तहसीलदार, हड़ताल पर हैं, ऐसे में राजस्व पखवाड़ा का औचित्य क्या है? एक तरफ सरकार राजस्व पखवाड़ा आयोजित कर जनता की समस्याओं को हल करने का झूठा दावा कर रही है, दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में तहसीलदार हड़ताल पर हैं, राजस्व की रीढ़ माने जाने वाला पटवारी अमला पूरे प्रदेश में आंदोलित है। प्रदेश भर के छात्र आय, जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटक रहे हैं। विद्यार्थी और उनके पालक परेशान हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही हैं।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button