ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 06 अगस्त 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – अधिक श्रावण
पक्ष – कृष्ण
तिथि – पंचमी सुबह 07:09 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र – रेवती रात्रि 01:43 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग – धृति रात्रि 08:27 तक तत्पश्चात शूल
राहु काल – शाम 05:40 से 07:19 तक
सूर्योदय – 06:12
सूर्यास्त – 07:19
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:45 से 05:29 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:07 तक

व्रत पर्व विवरण –
विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

स्वास्थ्यप्रद सरल घरेलू नुस्खे

उष्णता व पित्त का शमन आदि कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़ों के साथ १-२ बताशे कुछ दिनों तक रोज खाने से चेहरे एवं त्वचा का रंग निखरता है, उष्णता एवं पित्त का शमन होता है और बाल घने व लम्बे होते हैं ।

शरीर का भीतरी दाह : भिगोयी हुई द्राक्ष और मिश्री प्रातः काल खाने से लाभ होता है । आँखों के आस-पास का कालापन १-१ चम्मच मुलतानी मिट्टी, खीरे का रस और आलू का रस मिलाकर आँखों के पास लेप करें ।

स्वप्नदोष : १० ग्राम ग्वारपाठे का गूदा, १ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण व सेंधा नमक मिला के शुद्ध देशी घी के साथ सेवन करने से लाभ होता है ।

भोजन को औषधि बनाने की युक्ति

आप बीमार न हो तो अच्छा है लेकिन बीमार हो और कोई औषधि लें तो दायें हाथ में औषधि ले के २१ बार ‘ॐ नमो नारायणाय’ जपकर ही लें । और बायाँ स्वर चलता हो उस समय औषधि लेने से ज्यादा फायदा होता है । वृद्धों को तो ऐसा खास करना चाहिए । हम तो चाहते हैं कि आप भोजन को भी औषधि बनाकर खाओ, जल भी पियो तो उसे औषध बनाकर पियो । भोजन करने या पानी पीने से पहले ‘ॐ नमो नारायणाय…’ २१ बार जपने से दोनों काम हो गये भगवान की भक्ति की भक्ति हो गयी और औषधि भी बन गयी । भोजन दायाँ स्वर चलता हो तभी या उसे चालू करके करना चाहिए । इससे विशेष लाभ होता है ।

 रविवार विशेष

रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।

रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।

रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।

रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।

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