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ट्रंप का टैरिफ आज से लागू, जानकार बोले- फायदे का तो पता नहीं, अमेरिकी ही होंगे इससे प्रभावित

वॉशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से घोषित टैरिफ आज से लागू हो रहे हैं। भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया गया है। इसके अलावा चीन, ब्राजील जैसे देश भी इससे प्रभावित हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने तो एक कार्यक्रम में दोटूक कहा है कि भारत अपने किसानों के हितों के लिए तत्पर रहेगा। किसी भी तरह से समझौता नहीं करेगा। उनका संकेत डेरी फार्मिंग, खाद्यान्न उत्पादों के बाजार में अमेरिका को एंट्री न देने को लेकर है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनके देश को आज से अरबों डॉलर की कमाई होने लगेगी। अमेरिका के जानकारों का कहना है कि इसका असर उनके ही देश के कारोबार पर पड़ेगा।

भारत समेत कई देशों पर बढ़ा हुआ टैरिफ अमेरिका के ही उपभोक्ताओं पर लगेगा और कारोबारी घरानों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी। स्विट्जरलैंड और दक्षिण अफ्रीका पर करीब 39 फीसदी टैक्स लगेगा, जबकि भारतीय उत्पादों पर 50 पर्सेंट टैरिफ लगाया जाएगा। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार भले ही अमेरिका का कहना है कि अरबों डॉलर की बचत उसे होने लगेगी, लेकिन असल कीमत अमेरिका के उपभोक्ता ही चुकाएंगे। देश में कई चीजों की महंगाई भी बढ़ने की आशंका होगी। पहले से ही बढ़ी बेरोजगारी दर की मार झेल रहे अमेरिका के लिए इस महंगाई का अर्थ ‘कोढ़ में खाज’ जैसा होगा।

कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे अमेरिका की इकॉनमी का दायरा छोटा हो सकता है। इसके अलावा कुछ उत्पादों को घरेलू स्तर पर तैयार करने के लिए भी उसे भारत जैसे देशों के सहयोग की जरूरत होगी ताकि लागत कम रहे। उदाहरण के तौर पर ऐपल को ही देख सकते हैं। कंपनी के आईफोन समेत अन्य उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग भारत और चीन जैसे देशों में होती है। कंपनी ने 100 बिलियन डॉलर का निवेश अमेरिका में करने का ऐलान किया है। ऐसा कंपनी इसलिए किया है ताकि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से किए गए हाई टैरिफ के ऐलान से बचा जा सके। इस निवेश को कंपनी की ओर से सेमीकंडक्टर समेत अन्य चीजों के उत्पादन पर लगाया जाएगा।

ट्रंप ने साफ भी कर दिया है कि वह 100 फीसदी टैरिफ चिप्स और सेमीकंडक्टर्स पर लगाएंगे। लेकिन यह उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा, जो अमेरिका में निवेश कर रही हैं। हालांकि चिंता की बात यह है कि अमेरिका में प्रोडक्शन यूनिट लगाने के बाद भी इन कंपनियों के लिए लागत मौजूदा व्यवस्था की तुलना में अधिक हो जाएगी। इस बढ़ी हुई लागत का बोझ भी सीधे अमेरिकी उपभोक्ताओं को ही उठाना पड़ेगा। ऐसे में देखना होगा कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार का असर आने वाले समय में क्या होता है।

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