ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग 

हिन्दू पंचांग 
दिनांक – 13 सितम्बर 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्दशी 14 सितम्बर प्रातः 04:48 तक तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र – मघा रात्रि 02:01 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग – सिद्ध रात्रि 02:08 तक तत्पश्चात साध्य
राहु काल – दोपहर 12:36 से 02:08 तक
सूर्योदय – 06:25
सूर्यास्त – 06:46
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:52 से 05:39 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:12 से 12:59 तक
व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि, अहल्याबाई होल्कर पुण्यतिथि
विशेष – चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
मासिक शिवरात्रि : 13 सितम्बर 2023
कर्ज मुक्ति हेतु
 हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी ।
1)  ॐ शिवाय नमः
2) ॐ सर्वात्मने नमः
3) ॐ त्रिनेत्राय नमः
4) ॐ हराय नमः
5) ॐ इन्द्रमुखाय नमः
6) ॐ श्रीकंठाय नमः
7) ॐ सद्योजाताय नमः
8) ॐ वामदेवाय नमः
9) ॐ अघोरहृदयाय नम:
10) ॐ तत्पुरुषाय नमः
11) ॐ ईशानाय नमः
12) ॐ अनंतधर्माय नमः
13) ॐ ज्ञानभूताय नमः
14) ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
15) ॐ प्रधानाय नमः
16) ॐ व्योमात्मने नमः
17) ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:
पित्त-संबंधी समस्याओं हेतु
१] जिनको पित्तवृद्धि की तकलीफ है वे अगर थोड़ी भी भुखमरी करें तो उनके मणिपुर केंद्र में क्षोम पैदा होता है और पित्त बढ़ता है । स्वभाव में क्रोध, आँखों में जलन आदि समस्याएँ उनको घेर लेती हैं । ऐसे लोग पित्त-शमन के लिए घी व मिश्री मिश्रित भोजन लें व बेल या ताड़ का फल खाकर पानी पियें ।
२] पित्तजन्य व्याधियों मिटाने के लिए २ चम्मच पिसा हुआ धनिया और थोड़ी मिश्री ठंडे पानी में घोलकर पीने से कितना भी बढ़ा हुआ पित्त हो, उसका शमन हो जायेगा ।
३] २ – ३ ग्राम तिल का चूर्ण और मिश्री मिलाकर चबा-चबा के खायें । तिल पचने में भारी होते हैं लेकिन पित्तवाले के लिए तिल और मिश्री का मिश्रण चबा के खाना पित्तशामक होता है ।
४] पित्त के कारण सिर में दर्द हो तो गाय के शुद्ध घी को गुनगुना करके नस्य लें । इससे पित्त शमन होता है, सिरदर्द गायब हो जायेगा ।
५] दही खट्टा न हो और उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिली हो तो वह भी पित्तशमन करेगा ।
परमात्मप्रेम बढ़ाने में सहायक 5 बातें
 (1) भगवच्चरित्र का श्रवण करो । महापुरुषों के जीवन-चरित्र, प्रसंग सुनो या पढ़ो । इससे भक्ति बढ़ेगी एवं ज्ञान-वैराग्य में मदद मिलेगी ।
(2) भगवान की स्तुति-भजन गाओ-सुनो ।
 (3) जब अकेले बैठो तब भजन गुनगुनाओ या सुमिरन, जप करो अन्यथा मन खाली रहेगा तो उसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य (ईर्ष्या) आयेंगे । कहा भी गया है कि ‘खाली दिमाग शैतान का घर ।’
(4) जब परस्पर मिलो तब परमेश्वर की, परमेश्वर प्राप्त महापुरुषों की चर्चा करो । जब ईश्वर की चर्चा होती है तब नये-नये विचार आते हैं। एक-दूसरे का अज्ञान हटता है, प्रमाद हटता है, अश्रद्धा मिटती है ।
( 5) सदैव प्रभु की स्मृति करते-करते चित्त में आनंदित होने की आदत ड़ाल दो ।
  ये 5 बातें परमात्मप्रेम बढ़ाने में अत्यंत सहायक हैं ।

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