आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 03 सितम्बर 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र में श्रावण)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी शाम 06:24 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – रेवती सुबह 10:38 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग – गण्ड सुबह 06:01 तक तत्पश्चात वृद्धि
राहु काल – शाम 05:21 से 06:056 तक
सूर्योदय – 06:22
सूर्यास्त – 06:56
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:51 से 05:37 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:16 से 01:02 तक
व्रत पर्व विवरण – संकष्ट चतुर्थी
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
संकष्ट चतुर्थी – 03 सितम्बर 2023
क्या है संकष्ट चतुर्थी ?
संकष्ट चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्ट संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।
इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्ट चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।
जन्माष्टमी – 06/07 सितम्बर 2023
भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है । – ब्रह्मवैवर्त पुराण
गर्भवती देवी के लिये–जन्माष्टमी व्रत
जो गर्भवती देवी जन्माष्टमी का व्रत करती हैं… उसका गर्भ ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय जन्म होता है… ऐसा भविष्यपुराण में लिखा है ।
रविवार विशेष
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।