आज का हिन्दू पंचांग
हिन्दू पंचांग
दिनांक – 08 अक्टूबर 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – नवमी सुबह 10:12 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र – पुष्य रात्रि 02:45 तक तत्पश्चात अश्लेषा
योग – सिद्ध पूर्ण रात्रि तक
राहु काल – शाम 04:52 से 06:21 तक
सूर्योदय – 06:33
सूर्यास्त – 06:21
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:56 से 05:45 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:03 से 12:52 तक
व्रत पर्व विवरण – दशमी का श्राद्ध, रविपुष्यामृत योग
विशेष – नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविपुष्यामृत योग : 08 अक्टूबर 2023
पूण्य काल: सूर्योदय से रात्रि 02:45 (09 अक्टूबर 02:45 A.M) तक ।
पुष्टिप्रदायक पुष्य नक्षत्र का रविवार के साथ का संयोग ” रविपुष्यामृत योग ” कहलाता है । ‘ सर्वसिद्धिकरः पुष्यः । ‘ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है ।
यह योग मंत्रसिद्धि और औषधि – प्रयोग के लिए विशेष फलदायी है ।
इस योग में किया गया जप-ध्यान, दान-पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं । (शिव पुराण)
कैसे बदलें दुर्भाग्य को सौभाग्य में ??
बरगद (बड़) के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रखें ।
-लोक कल्याण सेतु पत्रिका
नेत्रज्योति बढ़ाने व चश्मा छुड़ानेवाले औषधीय प्रयोग
नेत्रज्योतिवर्धक, दृष्टिप्रद त्रिफला रसायन का विधिवत् प्रयोग करें । १-१ बूँद संतकृपा नेत्रबिंदु आँखों में डालें । सर्दियों में सुबह खाली पेट आधा से १ चम्मच मामरा बादाम के मिश्रण का सेवन करें, बाद में २ घंटे तक कुछ न खायें ।
२-३ माह तक प्रातः खाली पेट गाय के दूध से बने आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पिसी हुई मिश्री व १ काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटें । इसके बाद कच्चे नारियल की गिरी के २-३ टुकड़े खूब चबा-चबाकर खायें, ऊपर से थोड़ी सौंफ चबा के खा लें । बाद में दो घंटे तक कुछ न खायें । यह आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ ही शरीर को पुष्ट और सुडौल बनानेवाला एक अनुभूत उत्तम प्रयोग है ।
रविवार विशेष
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।