आज का हिन्दू पंचांग
हिन्दू पंचांग
दिनांक – 25 अक्टूबर 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – शतभिषा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
योग – वृद्धि दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहु काल – दोपहर 12:24 से 01:49 तक
सूर्योदय – 06:41
सूर्यास्त – 06:06
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:00 से 05:50 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:59 से 12:49 तक
व्रत पर्व विवरण – पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी, भरत मिलाप
विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
पापांकुशा एकादशी – 25 अक्टूबर 2023
एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?
1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।
2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।
हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।
4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।
7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।
9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।
11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।
12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।
14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।
इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।