ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग 

दिनांक – 28 अक्टूबर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – आश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – पूर्णिमा रात्रि 01:53 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – रेवती सुबह 07:31 तक तत्पश्चात अश्विनी
योग – वज्र रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात भरणी
राहु काल – सुबह 09:33 से 10:58 तक
सूर्योदय – 06:42
सूर्यास्त – 06:04
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:01 से 05:52 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:58 से 12:49 तक

व्रत पर्व विवरण – शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, खंडग्रास चन्द्रग्रहण, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ
विशेष – पुर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

शरद पूर्णिमा : 28 अक्टूबर 2023

शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति

शरद पूनम रात को आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नहीं चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।

लक्ष्मी- प्रदायक कोजागर व्रत : 28 अक्टूबर 2023

आश्विन मास की पूर्णिमा को रखा जानेवाला व्रत ‘कोजागर व्रत’ के नाम से जाना जाता है ।

शरद पूर्णिमा रात्रि के निशीथ काल (मध्यरात्रि) में देवी महालक्ष्मी अपने करकमलों में वर और अभय लिये संसार में विचरती हैं और मन ही मन संकल्प करती – हैं कि इस समय भूतल पर कौन जाग रहा है ? जागकर मेरी पूजा में लगे हुए उस मनुष्य को मैं आज धन दूंगी ।’

प्रति वर्ष किया जानेवाला यह व्रत लक्ष्मीजी को संतुष्ट करनेवाला है । इससे प्रसन्न हुई माँ लक्ष्मी इस लोक में समृद्धि देती हैं और शरीर का अंत होने पर परलोक में सद्गति प्रदान करती हैं । (‘नारद पुराण’ से)

 खंडग्रास चन्द्रग्रहण – 28 अक्टूबर 2023 

चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और रात्रि में 2 बजकर 22 मिनट तक ग्रहण रहेगा ।

भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से सूतक काल लग जाएगा ।

बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और रोगी के लिए सूतक प्रारम्भ समय रात्रि 08:36 से ।

भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना होता है । यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फल दायी होता है ।

ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, मंत्र जप न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है ।
खंडग्रास चन्द्रग्रहण (28 Oct) कौन-से मंत्र जपें ? क्या करने से बचें ? कौन-से नियम पालें? A2Z जानकारी

कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ : 28 अक्टूबर

‘रात्रि में भगवान विष्णु के समीप जागरण, प्रातःकाल स्नान करना, तुलसी के सेवा में संलग्न रहना, उद्यापन करना और दीप दान देना – ये कार्तिक मास के पाँच नियम हैं।’ -(पद्म पुराण, उ.खंडः 117.3)

इन पाँचों नियमों का पालन करने से कार्तिक मास का व्रत करने वाला पुरुष व्रत के पूर्ण फल का भागी होता है। वह फल भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है ।

कार्तिक मास के समान कोई और मास नहीं है । कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने की बड़ी भारी महिमा है और ये स्नान तीर्थ स्नान के समान होता है ।

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