ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग 

आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 22 जून 2023
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी शाम 05:27 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – अश्लेषा 23 जून प्रातः 04:18 तक तत्पश्चात मघा
योग – हर्षण 23 जून प्रातः 03:32 तक तत्पश्चात वज्र
राहु काल – दोपहर 02:23 से 04:05 तक
सूर्योदय – 05:55
सूर्यास्त – 07:28
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:31 से 05:13 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:21 से 01:03 तक

व्रत पर्व विवरण – श्री द्वारकाधीश पाटोत्सव, श्री बल्लभाचार्य वैकुंठ-गमन, संत टेऊँरामजी जयंती
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

औषधीय गुणों से युक्त : जामुन

औषधीय गुणों से युक्त जामुन का फल शीतल, रुक्ष तथा कफ-पित्तशामक होता है । इसमें लौह तत्त्व,औषधीय गुणों से युक्त जामुन का फल शीतल, रुक्ष तथा कफ-पित्तशामक होता है । इसमें लौह तत्त्व, फॉलिक एसिड, विटामिन ‘बी’ व ‘सी’  पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं ।

जामुन ह्रदय के लिए एवं रक्ताल्पता, पेशाब की जलन, अपच, दस्त, पेचिश, संग्रहणी, पथरी, रक्तपित्त, रक्तदोष आदि में लाभदायी है । मधुमेह (diabetes) के लिए यह वरदानस्वरुप माना जाता है ।

जामुन की छाल, गुठलियों और पत्तों का भी औषधीय रूप में उपयोग किया उपयोग किया जाता है । इसके कोमल पत्तों का २० मि.ली. रस निकालकर उसमें थोड़ी मिश्री मिला के पीने से खूनी बवासीर में खून गिरना बंद होता है । प्रयोग के दौरान लाल मिर्च व खटाई का सेवन न करें ।

जामुन का गुणकारी औषधीय पेय

अच्छे पके जामुनों के १ लीटर रस में १ कि.ग्रा. मिश्री मिलाकर उबालें । एक तार की चाशनी बन जाय तो छान के बोतल में भर लें । १० से २५ मि.ली. पेय को दस्त, संग्रहणी, उलटी, जी मिचलाना, गले की सूजन आदि तकलीफों में पानी के साथ तथा अत्यधिक मासिक स्त्राव, प्रमेह, सूजाक, खूनी बवासीर आदि में मक्खन के साथ लेने से उत्तम लाभ होता है ।

गुठलियों के भी बेहतरीन लाभ

जामुन की गुठलियों के चूर्ण में ऐसे-ऐसे औषधीय गुण हैं जो उसके फल में भी नहीं हैं । जामुन की गुठलियों को सूखा के उनका चूर्ण बना लें अथवा यह तैयार चूर्ण आयुर्वेदिक औषधियों की दूकान पर भी मिलता है । यह विभिन्न रोगों में लाभदायी है :

१] स्वप्नदोष : २-३ ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष ठीक होता हैं ।

२] श्वेतप्रदर :  २ ग्राम चूर्ण चावल की धोवन या चावल के पानी के साथ दिन में २ बार लेने से श्वेतप्रदर में लाभ होता है ।

३] मधुमेह व बार-बार लगनेवाली प्यास : २-३ ग्राम चूर्ण पानी के साथ दिन में २-३ बार लेने से इन रोगों में लाभ होता है ।

४] नींद में बिस्तर गीला करना (nocturnal enuresis): रात्रि को सोते समय १ ग्राम चूर्ण पानी के साथ देने से लाभ होता है ।

५] दस्त:  ५-७ ग्राम चूर्ण को छाछ के साथ दिन में २ बार लेने से लाभ होता है ।

सावधानियाँ : १] अधिक मात्रा में जामुन न खायें अन्यथा शरीर में जकड़ाहट तथा बुखार हो सकता है ।

२] भोजन के पूर्व या खाली पेट जामुन खाने से वात की वृद्धि तथा अफरा होता है । अत:भोजन के पश्चात अन्न का पाचन हो जाने पर (भोजन के तुरंत बाद फल नहीं खाने चाहिए) नमक (यथासम्भव सेंधा नमक ) और काली मिर्च के चूर्ण के साथ इन्हें थोड़ी मात्रा में खाना चाहिए । इससे इनका वातवर्धक दोष कम हो जाता है ।

गुरुवार विशेष 

हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।

गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :

एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।

ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।

फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।

गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।

गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।

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