ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग

आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 28 जुलाई 2023
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – अधिक श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – दशमी दोपहर 02:51 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग – शुक्ल सुबह 11:55 तक तत्पश्चात ब्रह्म
राहु काल – सुबह 11:07 से 12:46 तक
सूर्योदय – 06:08
सूर्यास्त – 07:24
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:43 से 05:26 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:08 तक

व्रत पर्व विवरण –
विशेष – दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

पद्मिनी (कमला) एकादशी – 29 जुलाई 2023

एकादशी 28 जुलाई दोपहर 02:51 से 29 जुलाई दोपहर 01:05 तक

व्रत उपवास 29 जुलाई शनिवार को रखा जायेगा ।

एकादशी व्रत के लाभ

एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।

जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

बातें छोटी-छोटी, लाभ ढेर सारा

प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय के बाद नीम व तुलसी के पाँच-पाँच पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से प्लेग तथा कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है और यादशक्ति भी बढ़ती है ।

४० दिन तक रोज बिल्वपत्र के ७ पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से स्वप्नदोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है ।

सुबह खाली पेट चुटकीभर साबुत चावल (अर्थात् चावल के दाने टूटे हुए न हो) ताजे पानी के साथ निगलने से यकृत (लीवर) की तकलीफें दूर होती है और वह ठीक हो जाता है ।

सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने से जीवनशक्ति का बहुत ह्रास होता है तथा बुढ़ापा जल्दी आता है । पाचनशक्ति मंद हो जाती है, भूख मर जाती है, दिमाग कमजोर होने लगता है, गुदा और वीर्याशय ढीले पड़ जाते हैं । डायबिटीज जैसे रोग होते हैं और नींद उड़ जाती है ।

भोजन कम से कम २५ मिनट तक खूब चबा चबाकर करना चाहिए । भोजन से पूर्व अदरक के दो-चार टुकड़े सेंधा नमक व नींबू मिलाकर खाने से मंदाग्नि दूर होती है ।

प्रतिदिन स्नान से पूर्व दोनों पैरों के अंगूठों पर सरसों का तेल मलने से वृद्धावस्था तक नेत्रज्योति कमजोर नहीं होती । सुबह नंगे पैर हरी घास पर चलने से तथा आँवला खाने से नेत्रज्योति बढ़ती है ।

शत्रुओं की बदनीयत विफल करने हेतु

जो शत्रुओं से घिरा है वह सद्गुरु के द्वार पर जब आरती होती हो तो उसका दर्शन करे, उसके सामने शत्रुओं की दाल नहीं गलेगी ।

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