ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग 

आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 23 जून 2023
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़
पक्ष – शुक्ल
तिथि – पंचमी शाम 07:53 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र – मघा पूर्ण रात्रि तक
योग – वज्र 24 जून प्रातः 04:32 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल – सुबह 11:00 से दोपहर 12:42 तक
सूर्योदय – 05:55
सूर्यास्त – 07:28
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:32 से 05:13 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:21 से 01:03 तक

व्रत पर्व विवरण – श्री द्वारकाधीश पाटोत्सव, श्री वल्लभाचार्य वैकुंठ-गमन, संत टेऊँरामजी जयंती
विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

क्रोध आया तो….

क्रोध भस्मासुर है, करा-कराया सब ख़ाक कर देता है । जिन्हें क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें ।

१] एक कटोरी में जल लेकर उसमें देखते हुए ‘ॐ शान्ति….शान्ति…. शान्ति… ॐ….’ इस प्रकार २१ बार जप करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी ।

२] जब क्रोध आये तो उस समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा ।

३] सुबह नींद में से उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सदगुरु या इष्ट का ध्यान करें । बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से अग्नि में आहुति डालें :  ॐ क्रोधं जुहोमि स्वाहा ।

४] एक नग आँवले का मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी । (शुक्रवार व रविवार को आँवले का सेवन न करें ।)

बहूपयोगी औषधि – सोंठ

जब अदरक सूख जाता है तब उसकी सोंठ बनती है । सोंठ पाचनतंत्र के लिए अत्यंत उपयोगी है । यह सारे शरीर के संगठन को सुधारती है, मनुष्य की जीवनशक्ति और रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है । यह आम, कफ व वात नाशक है । गठिया, दमा, खाँसी, कब्जियत, उल्टी, सूजन, ह्रदयरोग, पेट के रोग और वातरोगों को दूर करती है ।

औषधीय प्रयोग 

वातनाशक गोलियाँ : सोंठ के चूर्ण में समभाग गुड़ और थोडा – सा घी डाल के २- २ ग्राम की गोलियाँ बना लें । १ -२ गोली सुबह लेने से वायु और वर्षाकालीन जुकाम से रक्षा होती है । बारिश में सतत भीगते – भीगते काम करनेवाले किसानों और खेती के काम में लगे मजदूरों के लिए यह अत्यंत लाभदायक है । इससे शारीरिक शक्ति व फूर्ती बनी रहती है ।

सिरदर्द : सोंठ को पानी के साथ घिसलें । इसका लेप माथे पर करने से कफजन्य सिरदर्द में राहत मिलती है ।

मन्दाग्नि : सोंठ का आधा चम्मच चूर्ण थोड़े – से गुड़ में मिलाकर कुछ दिन प्रात:काल लेने से जठराग्नि तेज हो जाती है और मन्दाग्नि दूर होती है ।

कमर दर्द व गठिया : सोंठ को मोटा कूट लें । १ चम्मच सोंठ २ कप पानी में डाल के उबालें । जब आधा कप पानी बचे तो उतार के छान लें । इसमें २ चम्मच अरंडी – तेल डाल के सुबह पियें । दर्द में राहत होने तक हफ्तें में २ -३ दिन यह प्रयोग करें ।

पुराना जुकाम

१) ५ ग्राम सोंठ १ लीटर पानी में उबालें । दिन में ३ बार यह गुनगुना करके पीने से पुराने जुकाम में लाभ होता है ।

२) पीने के पानी में सोंठ का टुकड़ा डालकर वह पानी पीते रहने से पुराना जुकाम ठीक होता है । ( सोंठ के टुकड़े को प्रतिदिन बदलते रहें । )

सर्दी – जुकाम : ५ ग्राम सोंठ चूर्ण, १० ग्राम गुड़ और १ चम्मच घी को मिलालें । इसमें थोडा-सा पानी डालके आग पर रखके रबड़ी जैसा बना लें । प्रतिदिन सुबह लेने से ३ दिन में ही सर्दी – जुकाम मिट जाता है ।

सावधानी – रक्तपित्त की व्याधि में तथा पित्त प्रकृतिवाले ग्रीष्म व शरद ऋतु में सोंठ का उपयोग न करें ।

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