आज का हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग
दिनांक – 05 अगस्त 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – अधिक श्रावण
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी सुबह 09:39 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद प्रातः 04:44 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
योग – सुकर्मा रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात धृति
राहु काल – सुबह 09:29 से 11:07 तक
सूर्योदय – 06:12
सूर्यास्त – 07:19
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:45 से 05:28 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:08 तक
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
पितृदोष की निवृत्ति हेतु
अपने नित्य नियम के बाद रुद्राक्ष माला से ‘ॐ नमः शिवाय’ इस मंत्र की १ माला कर लें । कुछ दिन तक जप करने से पितृदोष दूर हो जाता है ।
कानों की सुरक्षा हेतु
क्या करें ✔
१] कान का मैल निकालने के लिए सरसों या तिल का गुनगुना तेल कान में डालें व दीयासलाई की नोक पर रुई लपेट के उससे सावधानी से कान साफ करें ।
२] रात्रि में सोने से पहले सरसों का तेल गुनगुना करके कानों में डालें व धीरे-धीरे हलके हाथों से कनपटी की मालिश करें । इससे कान साफ व स्वस्थ रहते हैं । विजातीय द्रव्यों का निष्कासन होता है ।
३] कानों को तेज ध्वनि, हवा आदि से बचायें । इयरफोन जैसे साधनों का सीमित, संयमित उपयोग करें । यथासम्भव कोलाहल से बचें ।
४] कान के रोगों में सूर्यस्नान, मौन, संयम आदि का पालन विशेष लाभदायी है ।
५] कानों पर सर्दी-गर्मी का असर अधिक होता है अत: अतिशय गर्मी या सर्दी में कानों को ढक लेना चाहिए ।
क्या न करें
१] कान में दर्द या खुजली होने पर उसमें पेंसिल, तीली या कोई भी नुकीली चीज भूलकर भी न डालें । किसी भी हालत में कान कुरेदने नहीं चाहिए । कान में फूँक न मरवायें ।
२] स्नान के समय कानों में पानी न जाने दें ।
३] बाजार में बैठे नीम हकीमों से कान की सफाई न करवायें । असावधानी के कारण कान के पर्दे में छेद हो सकता है ।
४] कर्णरोगी के लिए अधिक आराम व अधिक जागरण, वातानुकूलित वातावरण, अधिक चलना, ठंड तथा पंखे की हवा, अधिक बोलना, सिर भिगोकर व ठंडे पानी से स्नान, तैरना, संसार-व्यवहार आदि हानिकारक है ।
५] आसमान में बादल हों तब तथा बारिश के दिनों में रात को सोने से पहले कानों में तेल नहीं डालना चाहिए ।
संत श्री आशारामजी आश्रम की समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध कर्ण बिंदु व योगी आयु तेल कानों की सुरक्षा हेतु बहुत लाभदायी हैं ।
शनिवार के दिन विशेष प्रयोग
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।