छत्तीसगढ़

पेंशनरों को बड़ी राहत : अब मोबाइल से घर बैठे बनेगा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र

मुख्यमंत्री साय की पहल पर, वित्त मंत्री चौधरी के प्रयासों से डिजिटल सुविधा का शुभारंभ

रायपुर। प्रदेश के पेंशनरों के लिए यह बड़ी राहत और सुविधा की खबर है। अब उन्हें हर साल जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) बनवाने के लिए बैंकों या सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप और वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी के विशेष प्रयासों से, छत्तीसगढ़ के पेंशनरों के लिए यह डिजिटल सेवा शुरू की गई है। केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में ‘डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 4.0’ की शुरुआत हो रही है, जिसके तहत पेंशनर अपने घर बैठे ही मोबाइल ऐप का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र आसानी से बना सकेंगे।

चेहरे की पहचान से मिनटों में बनेगा प्रमाण पत्र

जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में, रायगढ़ जिले में इस डिजिटल अभियान के क्रियान्वयन की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। पेंशन एवं भविष्य निधि संचालनालय, रायपुर द्वारा शुरू की गई इस सुविधा में, पेंशनरों को केवल अपने एंड्रॉइड फोन में ‘आधार फेस आरडी’ और ‘जीवन प्रमाण फेस ऐप’ डाउनलोड करना होगा। इसके बाद, चेहरे की पहचान (Face Recognition) तकनीक का उपयोग करके वे अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सुरक्षित, सरल और पारदर्शी तरीके से बना सकेंगे। यह तकनीक पेंशनरों को अपने घर के आरामदायक माहौल में प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की सहूलियत देती है।

शिविर और होम विजिट की सुविधा

अभियान की अवधि: डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 4.0 पूरे देश में 1 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा।

रायगढ़ में विशेष शिविर: इस दौरान, रायगढ़ जिले में भी विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा पेंशनर इसका लाभ ले सकें।

स्थान: रायगढ़, खरसिया और एडीबी रायगढ़ सहित जिले के सात मुख्य स्थानों पर ये शिविर लगेंगे।

सहयोग: इन शिविरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की टीमें पेंशनरों को प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया में सहायता करेंगी।

वैकल्पिक सुविधा: जिन पेंशनरों को मोबाइल ऐप इस्तेमाल करने में मुश्किल आती है, वे अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर भी फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।

80 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए विशेष व्यवस्था

राज्य शासन ने वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए, 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले पेंशनरों को अक्टूबर माह से ही प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा, जो पेंशनर स्वास्थ्य कारणों या अन्य मजबूरियों से घर से बाहर नहीं जा सकते, उनके लिए ‘होम विजिट’ (Home Visit) की विशेष सुविधा भी उपलब्ध है। इसके तहत, बैंक या पोस्ट ऑफिस की टीम उनके घर जाकर जीवन प्रमाण पत्र बनाने में मदद करेगी।

यह अभियान भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के समन्वय से चलाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी प्रक्रियाओं को सरल, सम्मानजनक और पारदर्शी बनाना है, ताकि पेंशनरों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

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