बिहार चुनाव : छत्तीसगढ़ के नेताओं की बढ़ी हलचल, सीएम साय और भूपेश बघेल को बड़ी जिम्मेदारी

रायपुर। बिहार में चुनावी घमासान शुरू हो चुका है। अगले महीने की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं, जिसके चलते छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी सरगर्मी बढ़ गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं को बिहार में चुनावी ड्यूटी सौंपी जा रही है।
चुनावी रण में छत्तीसगढ़ के दिग्गजों की दस्तक
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है। दोनों पार्टियां जीत हासिल करने की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हैं, और इसी क्रम में दूसरे राज्यों के नेता भी बिहार में प्रचार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बीजेपी और कांग्रेस नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलने वाली हैं।
बीजेपी का मोर्चा: सीएम साय, डिप्टी सीएम और ओबीसी/एससी चेहरे
बिहार चुनाव में एनडीए के लिए प्रचार-प्रसार हेतु मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बिहार जाएंगे। उन्हें आदिवासी बहुल सीटों पर बीजेपी के पक्ष में समर्थन जुटाने का जिम्मा मिलने वाला है। उनके साथ दोनों उप-मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा भी बिहार में प्रचार करेंगे।
अन्य महत्वपूर्ण नेता:
ओबीसी वोटर्स (बिहार में 27% से अधिक) को साधने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव समेत ओबीसी वर्ग के कई नेता प्रचार करते दिखेंगे।
अनुसूचित जाति (SC) वोटर्स (बिहार में करीब 20%) के लिए कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब को भी चुनाव की जिम्मेदारी मिल सकती है।
इसके अलावा, आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री, विधायक, सांसद और मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी बिहार में कमान संभालेंगे।
कांग्रेस की रणनीति: भूपेश बघेल बने सीनियर ऑब्जर्वर
कांग्रेस ने महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिहार चुनाव में एक बड़ी जिम्मेदारी देते हुए सीनियर ऑब्जर्वर (वरिष्ठ पर्यवेक्षक) बनाया है। साथ ही, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) चीफ दीपक बैज भी बिहार में प्रचार करेंगे।
जातीय समीकरण साधने वाले नेता:
यादव समाज के लोगों को प्रभावित करने का काम विधायक देवेंद्र यादव, रामकुमार यादव और द्वारकाधीश यादव को सौंपा गया है।
SC आरक्षित सीटों पर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया, विधायक उत्तरी जांगड़े, कविता प्राण लहरे और शेषराज हरबंश प्रचार करते हुए नजर आएंगे।