छत्तीसगढ़

बस्तर की समृद्धि प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की गाथा लिखेगी : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में कहा कि हमारी नई औद्योगिक नीति का मुख्य केंद्र बस्तर है। यह इलाका खनिज और प्राकृतिक संपदा से भरपूर है और इसमें विकास की अपार संभावनाएँ हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि दशकों से माओवाद ने बस्तर के विकास को रोक रखा था, लेकिन अब इस क्षेत्र ने इस बाधा को पार कर लिया है। उन्होंने बताया कि हमारे जवानों और बस्तर के लोगों के साहस और दृढ़ संकल्प से माओवाद का सामना किया गया है। अब बस्तर अपने काले इतिहास को पीछे छोड़कर निवेश के एक नए, स्वर्णिम अध्याय की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य बताया।

तेज़ गति से विकास की ओर

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि टोक्यो, ओसाका और सियोल के बाद, इन्वेस्टर्स कनेक्ट का अगला आयोजन बस्तर में करने का निर्णय लिया गया, जो बुलेट ट्रेन की गति से आगे बढ़ने के हमारे संकल्प को दर्शाता है। यह नई औद्योगिक नीति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र पर आधारित है। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाना है।

निवेश के लिए विशेष प्रावधान

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति में कई प्रावधान और प्रोत्साहन रखे गए हैं। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (कारोबार में सुगमता) और ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस’ (कारोबार की गति) को ध्यान में रखते हुए 350 से अधिक सुधार किए गए हैं। इस नीति के लागू होने के बाद अब तक लगभग ₹6.65 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। नई नीति में कोर सेक्टर के साथ-साथ आईटी, एआई, फार्मा, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बेहतर अधोसंरचना और कनेक्टिविटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में भारत का पहला एआई डाटा सेंटर पार्क बनाया गया है। इसके अलावा, फार्मास्युटिकल पार्क, मेडिसिटी और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। बस्तर में भी औद्योगिक विकास के लिए हर जिले और ब्लॉक में नए छोटे औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। जगदलपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर सहित अन्य जगहों पर भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बस्तर की कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है, जिसमें विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे, रावघाट-जगदलपुर रेलमार्ग और तेलंगाना-किरंदुल रेल रूट का सर्वे शामिल है। उड़ान परियोजना के तहत जगदलपुर एयरपोर्ट को भी उन्नत बनाया गया है।

बस्तर के लिए विशेष प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में बस्तर के 88% ब्लॉक ग्रुप-3 में शामिल हैं, जहाँ निवेश पर अधिकतम लाभ मिलेगा। हमारी सरकार समावेशी विकास में विश्वास रखती है, इसलिए अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उद्यमियों को 10% की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए, ₹1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली या 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली इकाइयों को अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। इसके अलावा, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को रोजगार देने पर पांच साल तक 40% सैलरी सब्सिडी (अधिकतम ₹5 लाख सालाना) मिलेगी।

पर्यटन और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा

पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, और जो उद्यमी इस क्षेत्र में निवेश करेंगे, उन्हें 45% सब्सिडी दी जाएगी। इससे होटल इंडस्ट्री, इको-टूरिज्म, वेलनेस और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे। होम स्टे पर भी विशेष अनुदान दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। बस्तर में वन उत्पादों और कृषि-आधारित उद्योगों को भी विशेष प्रोत्साहन दिया गया है।

कौशल विकास और अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कोर इंडस्ट्री और नए उद्योगों के लिए हर ब्लॉक में स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर के मेहनती और प्रतिभाशाली युवा उद्योगों के लिए कुशल मानव संसाधन की कमी नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि बस्तर ने निवेश के लिए लाल कालीन बिछा दिया है और यह विकास की नई उड़ान भरने के लिए तैयार है।

अन्य मुख्य बातें

वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि नई नीति से अब तक ₹6.95 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि बीजापुर में पहली बार चावल मिल और जगरगुंडा की इमली मंडी फिर से शुरू हो रही है।

वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार ने निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कई नवाचारों का उल्लेख किया।

नक्सल प्रभावित परिवारों को उद्योग लगाने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई।

एनएमडीसी ने राज्य के औद्योगिक और सामाजिक विकास में अपनी सहभागिता को दर्शाया।

कार्यक्रम में 34 उद्योगों को प्रोत्साहन प्रमाणपत्र दिए गए। निवेशकों का उत्साह अभूतपूर्व था।

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