संघर्षों के बाद मुस्कुराया बुधिया बाई का आँगन: पक्के घर ने बदला जीवन, सरकारी योजनाओं से संवरी राह

कबीरधाम। जीवन की गाड़ी तब और कठिन हो जाती है जब साथ निभाने वाला जीवनसाथी बीच राह में साथ छोड़ दे। कबीरधाम जिले के भठेलाटोला (ग्राम पंचायत सिंगारपुर) की रहने वाली श्रीमती बुधिया बाई की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी। पति प्रेमलाल के निधन के बाद चार बच्चों की परवरिश और एक जर्जर कच्चे घर को संभालना उनके लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था। मजदूरी की सीमित आय में पक्का घर बनाना उनके लिए महज एक अधूरा सपना था, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने सच कर दिखाया है।
सपनों के महल को मिली वित्तीय मजबूती
बुधिया बाई के संघर्षों को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में उन्हें आवास योजना का लाभ दिया गया। योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 40 हजार रुपये सीधे उनके बैंक खाते में (DBT के माध्यम से) भेजे गए, जिससे उन्होंने तुरंत निर्माण कार्य शुरू किया। जैसे-जैसे मकान आकार लेने लगा, प्रगति के आधार पर अगली किस्तें भी जारी की गईं।
मनरेगा और अन्य योजनाओं का मिला साथ
घर बनाने में आर्थिक बोझ न बढ़े, इसके लिए मनरेगा (MGNREGA) योजना का सहारा लिया गया। जॉब कार्ड धारी होने के कारण बुधिया बाई और उनके परिवार को 90 दिनों का अकुशल रोजगार मिला, जिससे उन्हें 21,870 रुपये की मजदूरी प्राप्त हुई। इस अतिरिक्त आय ने मकान निर्माण की राह आसान कर दी। आज उनके पास न केवल एक मजबूत छत है, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर में ही शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे उन्हें और उनके परिवार को खुले में जाने की समस्या से मुक्ति मिल गई है।
योजनाओं के संगम से रोशन हुआ घर
बुधिया बाई का नया घर केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं है, बल्कि यह शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का एक संगम है:
उज्ज्वला योजना: अब उन्हें चूल्हे के धुएँ से राहत मिल गई है और वे स्वच्छ ईंधन पर खाना बनाती हैं।
विद्युत कनेक्शन: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत घर में मुफ्त बिजली पहुँचाई गई है।
महतारी वंदन योजना: महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उन्हें हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है।
स्वास्थ्य और राशन: आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज और राशन कार्ड से अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
“अब मेरा जीवन सुरक्षित और सम्मानित है”
भावुक स्वर में बुधिया बाई कहती हैं, “यह आवास मेरे लिए सिर्फ चार दीवारें नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की गारंटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों ने मेरे जैसे गरीब परिवार की चिंताओं को दूर कर दिया है।” जर्जर झोपड़ी से पक्के मकान तक का यह सफर बुधिया बाई के जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास का नया सवेरा लेकर आया है।
















