अदाणी ग्रुप बिहार में करेगा 25,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश, थर्मल पावर प्लांट लगाने की मिली मंजूरी

नई दिल्ली (एजेंसी)। अदाणी ग्रुप अब बिहार में बड़ा निवेश करने जा रहा है.भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर की बिजली उत्पादन कंपनी अदाणी पावर को बिहार के भागलपुर जिले में 2,400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए मंजूरी मिल गई है. इस प्रोजेक्ट में 25,000 करोड़ रुपये (करीब 3 अरब डॉलर) का निवेश किया जाएगा. यह अब तक का बिहार में सबसे बड़ा प्राइवेट इन्वेस्टमेंट है.
बिजली की पूरी सप्लाई बिहार को मिलेगी
यह नया प्लांट पूरी तरह से बिहार की जरूरतों को पूरा करेगा. अदाणी पावर ने इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बिजली दर 6.075 रुपये प्रति यूनिट की पेशकश कर बोली जीती है. इस प्लांट से बनने वाली 2,274 मेगावाट बिजली सीधे नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को दी जाएगी. यह प्लांट पूरी तरह ग्रीनफील्ड मॉडल पर बनाया जाएगा, जिसमें सब कुछ नया बनाया जाएगा.
पावर प्लांट एडवांस और कम प्रदूषण वाला
इस प्लांट में 3×800 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल यूनिट्स लगाई जाएंगी, जो टेक्नोलॉजी के लिहाज से एडवांस और कम प्रदूषण फैलाने वाली होंगी. इसके तहत अदाणी पावर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन एंड ऑपरेट (DBFOO) मॉडल पर काम करेगा. पहली यूनिट 48 महीने और आखिरी यूनिट 60 महीने में शुरू की जाएगी.
रोजगार और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस प्रोजेक्ट से निर्माण के दौरान लगभग 10,000 से 12,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. प्लांट शुरू होने के बाद भी लगभग 3,000 लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
अदाणी पावर के CEO का बयान
अदाणी पावर के CEO एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “हमें खुशी है कि हमें बिहार में 2,400 मेगावाट की बिजली परियोजना लगाने का मौका मिला है. यह प्रोजेक्ट न सिर्फ राज्य को किफायती और भरोसेमंद बिजली देगा, बल्कि रोजगार और औद्योगीकरण को भी तेजी से आगे बढ़ाएगा.”
कोयले की आपूर्ति और जमीन पहले से तय
इस प्लांट को झारखंड के राजमहल खदानों से 12 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति होगी. यह कोयला भारत सरकार की SHAKTI योजना के तहत मिलेगा, जिससे बिजली उत्पादन लगातार चलता रहेगा. इस प्रोजेक्ट के लिए 1,000 एकड़ से ज्यादा ज़मीन पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है.
बिहार की बढ़ती बिजली जरूरत की समस्या होगी खत्म
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के मुताबिक, 2035 तक बिहार में बिजली की मांग 17,000 मेगावाट तक पहुंच सकती है. ऐसे में भागलपुर का यह नया पावर प्लांट राज्य को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम रोल निभाएगा.