छत्तीसगढ़

दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील समाज की अपील : राज्यपाल डेका

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में भाग लिया और दिव्यांग बच्चों को अपना आशीर्वाद और प्रोत्साहन दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, उनका सम्मान करना चाहिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहयोग करना चाहिए।

स्वेच्छानुदान और व्यक्तिगत घोषणाएँ

राज्यपाल डेका ने सेमरिया स्थित कोपलवाणी श्रवण बाधित विद्यालय के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने उन पूर्व छात्रों को सम्मानित किया, जो सफलतापूर्वक स्कूल से उत्तीर्ण होकर स्वरोजगार या अन्य क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

उन्होंने अपने स्वेच्छानुदान मद से विद्यालय को 5 कंप्यूटर प्रदान करने की घोषणा की।

इसके अलावा, उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के लिए अपनी ओर से 2 लाख रुपये देने का भी ऐलान किया।

समावेशी वातावरण और सरकारी प्रयास

अपने संबोधन में, राज्यपाल ने ज़ोर देकर कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा, “हमें ऐसा वातावरण निर्मित करना है जहाँ उन्हें किसी भी प्रकार की बाधा का अनुभव न हो।” उन्होंने शासन और समाज से मिलकर दिव्यांगजनों के लिए ऐसी दुनिया बनाने का आह्वान किया जहाँ वे सम्मान और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

दिव्यांग पेंशन उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।

सरकारी नौकरी में आरक्षण, छात्रवृत्ति, और निःशुल्क सहायक उपकरण उपलब्ध कराकर उन्हें शिक्षा और स्वावलंबन में सहायता दी जा रही है।

राज्यपाल ने बुनियादी ढाँचे को भी दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने दिव्यांग बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और पूरा समाज, प्रदेश और देश उनके साथ है।

कला की सराहना और भेंट स्वरूप पेंटिंग

राज्यपाल डेका ने विद्यालय की विभिन्न कक्षाओं में जाकर छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की प्रदर्शनी भी देखी और उनकी कला की सराहना की।

यह ध्यान देने योग्य है कि राज्यपाल की पहल पर, इस संस्था के दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग को लोकभवन द्वारा क्रय किया जाता है और वहाँ आने वाले मेहमानों को भेंट किया जाता है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को भी उनके आगमन पर ये पेंटिंग भेंट की गई थी।

कार्यक्रम में उपस्थिति

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य श्रीमती शताब्दी पाण्डेय, वनबंधु संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कांता सिंघानिया, कोपलवाणी की संस्थापक श्रीमती पद्मा शर्मा सहित अन्य अतिथि, अभिभावक और विद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button