आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री साय

कंवर समाज के वार्षिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएँ
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 2 दिसंबर 2025 को रायगढ़ के बोईरदादर में आयोजित अखिल भारतीय कंवर समाज के वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने समाज की माँग पर 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित सामुदायिक भवन के पहले तल (प्रथम तल) का लोकार्पण किया। समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया।
शिक्षा से ही संभव है समाज का विकास
मुख्यमंत्री श्री साय ने कंवर समाज के पुरोधाओं को नमन करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा ही समाज के विकास का मूल आधार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा केवल सरकारी नौकरी पाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल करने का माध्यम भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक बेटे और बेटी को शिक्षित करना ही समाज को मजबूती प्रदान करेगा।
उन्होंने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित है। राज्य सरकार आदिवासियों और उनके क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएँ चला रही है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने जनता से इन जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान भी किया।
जनजातीय गौरव और सम्मान
मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती, 15 नवंबर को, जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर जनजातीय समुदाय के सम्मान को नई ऊँचाई दी है।
उन्होंने आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ‘धरती आबा ग्राम उत्कर्ष’ और ‘पीएम जनमन’ जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने इन पहलों को आज़ादी के बाद आदिवासी कल्याण के क्षेत्र में सबसे बड़ा अभियान बताया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के जरिए जनजातीय परिवारों को सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे इन क्षेत्रों में तेज़ गति से विकास हो रहा है।
शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय के लोकार्पण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के वीर सेनानियों के राष्ट्र के प्रति योगदान को जीवंत रूप में प्रदर्शित करता है और आने वाली पीढ़ियों को हमारे शूरवीरों के शौर्य और बलिदान से परिचित कराता रहेगा, जो आदिवासी समाज के लिए गौरव की बात है।
राज्य के विकास और औद्योगिक प्रगति
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पीडीएस प्रणाली, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य के व्यापक विस्तार को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के बाद गाँव-गाँव तक विकास की रोशनी और पहुँच मार्ग पहुँचे हैं।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में नक्सलवाद विकास में एक बड़ी बाधा रहा है, लेकिन सरकार के प्रयासों से अब यह अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नई औद्योगिक नीति की चर्चा करते हुए कहा कि इसके तहत 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सरकार का लक्ष्य उद्योगों के माध्यम से युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना है। इसके साथ ही, उनकी सरकार प्रदेश के सभी समाजों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएँ चला रही है, जिसका लाभ लोगों को उठाना चाहिए।
मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएँ
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने कंवर समाज के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें शामिल हैं:
बोईरदादर, रायगढ़ में एक और सांस्कृतिक भवन का निर्माण।
सांस्कृतिक भवन से मुख्य मार्ग तक सीसी रोड का निर्माण।
लैलूंगा के टुरटूरा में नए सामाजिक भवन का निर्माण।
लैलूंगा और घरघोड़ा में पहले से बने सामाजिक भवनों का विस्तार।
उपस्थित गणमान्य नागरिक
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, महापौर श्री जीवर्धन चौहान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री दीपक सिदार, श्री भरत साय, श्री सत्यानंद राठिया, श्री अनंतराम पैंकरा तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
















