वैज्ञानिक पद्धति और नवाचारी खनन के माध्यम से विकास और पारदर्शिता की नई कहानी लिख रहा है छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है, जहाँ लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट, सोना, हीरा और कॉपर जैसे मूल्यवान खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। हाल की खोजों ने राज्य को महत्वपूर्ण (क्रिटिकल) और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में और भी मजबूत किया है। यह बात मुख्यमंत्री श्री साय ने नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित करते हुए कही।
नवाचार और पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण समझौते
इस कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें आईएसएम धनबाद और छत्तीसगढ़ भौमिकी एवं खनन संचालनालय, साथ ही कोल इंडिया और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के बीच हुए समझौते शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, 5 माइनिंग ब्लॉकों की नई निविदाएं (एनआईटी) जारी की गईं और 9 खदानों को पसंदीदा बोलीदाता (प्रिफर्ड बिडर) आदेश प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल, और रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी के लिए रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
संतुलित विकास और डिजिटल निगरानी
मुख्यमंत्री श्री साय ने जोर दिया कि देश की प्रगति के लिए खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग और उद्योगों का संतुलित विकास आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में खनन और नए उद्योगों की अपार संभावनाओं को देखते हुए, पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी और डिजिटल निगरानी की व्यवस्था ने इस क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान की है।
रिकॉर्ड राजस्व और सफल नीलामी
राज्य ने खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस वर्ष जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) से 1,673 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ, जिससे 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी मिली। वर्ष 2024−25 में राज्य को 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व मिला है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ लिथियम ब्लॉक की नीलामी करने वाला देश का पहला राज्य है। अब तक 60 खनिज ब्लॉकों की नीलामी पूरी हो चुकी है, और पाँच नए ब्लॉकों की निविदा आज जारी की गई है। यह पारदर्शी प्रक्रिया राज्य के आर्थिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
डीएमएफ और नई रेत नीति में सुधार
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत जिला खनिज न्यास नियम-2025 लागू किए गए हैं। डीएमएफ पोर्टल 2.0 से निगरानी और प्रबंधन को सशक्त किया गया है, जिसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को सम्मानित भी किया है।
उन्होंने कहा कि नई रेत नीति-2025 से पारदर्शिता बढ़ी है और जल्द ही 200 से अधिक रेत खदानों की ई-नीलामी की जाएगी। सतत खनन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
स्वच्छ ऊर्जा और तकनीकी सहयोग
मुख्यमंत्री ने बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स के लिए माइनिंग कॉर्पोरेशन और कोल इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ है। वहीं, स्वच्छ ऊर्जा (क्लीन एनर्जी) के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईआईटी रुड़की और आईएसएम धनबाद के साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
उन्होंने दोहराया कि वैज्ञानिक और सतत खनन के माध्यम से छत्तीसगढ़ विकास और पारदर्शिता की नई कहानी लिख रहा है और यह राज्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
उद्योग प्रतिनिधियों के विचार
खनन क्षेत्र में नवाचार और रोजगार
छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय और नवाचारी कार्य कर रही है। खनन से राजस्व और रोजगार दोनों में वृद्धि हुई है, और सरकार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर कुशल मानव संसाधन तैयार कर रही है। राज्य में अब टिन से निकलने वाले स्लज से दो नए तत्वों का उत्पादन शुरू हुआ है, और क्रिटिकल ओर रीसाइक्लिंग तथा ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर भी कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 28 प्रकार के खनिजों का खनन होता है, जिनमें टिन, बॉक्साइट, कोयला, लाइमस्टोन और आयरन ओर प्रमुख हैं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और विकसित छत्तीसगढ़
मुख्य सचिव श्री विकासशील ने 9 वर्ष बाद माइनिंग कॉन्क्लेव के पुनः आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) के सुझावों को नीति निर्माण में शामिल करना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि खनिज क्षेत्र प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता, तकनीकी उपयोग, जल संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा और ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग को भविष्य की आवश्यकता बताया।
विभाग की उपलब्धियाँ
खनिज विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद और संचालक भौमिकी एवं खनिज साधन श्री रजत बंसल ने प्रदेश में खनिज उपलब्धता, नीलामी की पारदर्शी व्यवस्था, उत्खनन में नई तकनीकों के उपयोग और विभाग की उपलब्धियों पर विस्तार से जानकारी दी।
प्रमुख पोर्टल्स और पुरस्कारों का विमोचन/शुभारंभ
डीएमएफ पोर्टल 2.0
मुख्यमंत्री श्री साय ने डीएमएफ पोर्टल 2.0 का विमोचन किया। इस पोर्टल का उद्देश्य खनिज न्यास निधि का प्रभावित क्षेत्रों में उपयोग, कुशल प्रबंधन, पारदर्शिता, सुशासन, प्रभावी संचालन एवं निगरानी को सुदृढ़ बनाना है। इसमें प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) की गाइडलाइनों और छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 (संशोधित 2025) में किए गए संशोधनों को शामिल किया गया है।
खनिज ऑनलाइन पोर्टल 2.0
खनिज विभाग ने खनिज ऑनलाइन पोर्टल 1.0 का उन्नयन कर 2.0 संस्करण तैयार किया, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री ने किया। यह पोर्टल खनन प्रबंधन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और राज्य की पारदर्शिता, जिम्मेदारी और विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह छत्तीसगढ़ के खनन प्रबंधन को देश भर में एक मॉडल सिस्टम के रूप में स्थापित करेगा।
रेत खदानों के लिए रिवर्स ऑक्शन पोर्टल
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने और रेत खदानों की पारदर्शी और निष्पक्ष नीलामी के लिए, राज्य सरकार ने भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम एमएसटीसी के साथ एमओयू किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने एमएसटीसी द्वारा निर्मित रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पहल से रेत खदानों का आवंटन तेज गति से होगा, जिससे प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को पर्याप्त रेत और सरकारी-निजी परियोजनाओं के लिए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे राज्य के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
गौण खनिज खदानों को स्टार अवॉर्ड
मुख्य खनिजों की तर्ज पर गौण खनिज खदानों में भी स्टार रेटिंग प्रणाली के तहत वैज्ञानिक खनन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पर्यावरण प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षा मानकों का पालन कर उत्कृष्ट कार्य करने वाली 43 खदानों को स्टार अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जिनमें 3 खदानों को 5 स्टार, 32 खदानों को 4 स्टार और 8 खदानों को 3 स्टार अवॉर्ड दिए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, एसईसीएल बिलासपुर के मुख्य महाप्रबंधक श्री हरीश दुहन और खनिज एवं उद्योग क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।