छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ बनेगा मध्य भारत का टेक्नोलॉजी और नवाचार हब : विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री ने ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का किया उद्घाटन

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), नवा रायपुर के 10वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय ‘मेक इन सिलिकॉन’ राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इसे भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

सेमीकंडक्टर मिशन में छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है, और यह संयोग है कि आज राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ भी है। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों और ट्रिपल आईटी परिवार को बधाई दी। उन्होंने संस्थान को महान शिक्षाविद् डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर स्थापित होने का उल्लेख किया, जिन्होंने शिक्षा, एकता और औद्योगिक प्रगति को राष्ट्र की उन्नति से जोड़ा था।

मुख्यमंत्री ने रेखांकित किया कि मोबाइल, सैटेलाइट, रक्षा प्रणालियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सेमीकंडक्टर आज आधुनिक जीवन का अपरिहार्य हिस्सा बन चुका है। ऐसे में, ‘मेक इन सिलिकॉन’ जैसी पहल भारत की चिप क्रांति को नई दिशा देने में सहायक होगी। उन्होंने घोषणा की कि छत्तीसगढ़ इस राष्ट्रीय मिशन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

राज्य की नीतियाँ और नवा रायपुर का विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में कुशल मानव संसाधन, मजबूत औद्योगिक संरचना, निरंतर बिजली आपूर्ति और तकनीकी विकास के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना के लिए भूमिपूजन हो चुका है, जिससे युवाओं को बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे। नवा रायपुर को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और नवाचार के केंद्र (इनोवेशन हब) के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ का जिक्र किया, जो सतत विकास पर केंद्रित है और जिसमें सेमीकंडक्टर को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है। राज्य सरकार अब ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ-साथ ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर भी जोर दे रही है।

ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र

मुख्यमंत्री ने देशभर से आए विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह संगोष्ठी केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश को लाभान्वित करेगी। उन्होंने आह्वान किया, “हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र (सेंटर ऑफ नॉलेज, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन) बनाएँ और भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में सक्रिय योगदान दें।”

उच्च शिक्षा और तकनीकी अर्थव्यवस्था पर बल

वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही आज प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, एम्स, एनआईटी और ट्रिपल आईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हो पाए हैं, जिन्होंने राज्य को उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई पहचान दी है।

चौधरी ने कहा कि वर्तमान युग टेक्नोलॉजी-आधारित अर्थव्यवस्था का है और छत्तीसगढ़ में शिक्षा तथा तकनीकी विकास की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने वैश्विक उदाहरण देते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी आज जीवन, अर्थव्यवस्था और वैश्विक प्रणाली को किस हद तक प्रभावित करती है, इसलिए हमें इन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने युवाओं से नवाचार, कौशल और निरंतर क्षमता संवर्धन को अपने जीवन का आधार बनाने का आग्रह किया, क्योंकि बड़ी सफलता वही प्राप्त करता है जो खुद को लगातार तराशता है। उन्होंने साउथ कोरिया के तकनीकी परिवर्तन का उदाहरण देते हुए शिक्षा, तकनीक और शोध में निवेश बढ़ाकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने पर जोर दिया।

शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका

उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने इस पहल को भारत को सेमीकंडक्टर और औद्योगिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप, शैक्षणिक संस्थान इस क्षेत्र में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि उनका नवाचार और संकल्प भारत की तकनीकी पहचान को नई ऊँचाई देगा।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) के निदेशक, प्रो. ओम प्रकाश व्यास ने संस्थान की 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्थान विकसित भारत की अवधारणा के अनुसार शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है।

मेक इन सिलिकॉन: एक राष्ट्रीय पहल

‘मेक इन सिलिकॉन’ – स्वदेशी सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी ट्रिपल आईटी नया रायपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी (ECE) विभाग द्वारा आयोजित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं को सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। यह आयोजन शिक्षा जगत, उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच ज्ञान-विनिमय और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है, ताकि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा सके।

संगोष्ठी में नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स, एमईएमएस, क्वांटम डिवाइस जैसे उन्नत तकनीकों और उद्योग-शिक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ की भावना के अनुरूप है। यह पहल भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर नवाचार और निर्माण का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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