सैनिक स्कूल अम्बिकापुर का 17वाँ स्थापना दिवस : राष्ट्र-निर्माण और सांस्कृतिक गौरव का संगम

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में स्थित सैनिक स्कूल ने हाल ही में अपना 17वाँ स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम और गरिमामय माहौल में मनाया। यह समारोह सिर्फ़ एक वार्षिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, सैन्य अनुशासन और शिक्षा के प्रति समर्पण का एक शानदार प्रदर्शन भी था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जनजातीय कल्याण और कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह संस्थान केवल अनुशासन और ज्ञान का केंद्र नहीं है, बल्कि यह देश के भविष्य की मजबूत नींव भी रखता है। उन्होंने छात्रों से देशभक्ति, समर्पण और नेतृत्व के गुणों को अपने जीवन में उतारने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार सैनिक स्कूल के लिए तीन प्रमुख परियोजनाओं का समर्थन करेगी। इनमें परिसर में एक सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, एक आधुनिक इनडोर एरेना का निर्माण और हॉकी के लिए एक एस्ट्रोटर्फ मैदान का विकास शामिल है, ताकि छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके।
पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल और सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने भी इस मौके पर स्कूल की भूमिका की सराहना की और इसके छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। समारोह में अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिनमें लुंड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक श्री राम कुमार टोप्पो, अम्बिकापुर की मेयर श्रीमती मंजूषा भगत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा नेताम और कलेक्टर श्री विलास भोसकर शामिल थे।
इस अवसर पर, स्कूल की प्राचार्या, कर्नल रीमा सोबती ने उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. पी. श्रीनिवास और प्रशासनिक अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर जेम्स नायर की उपस्थिति में, स्कूल की वार्षिक उपलब्धियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने शैक्षणिक, सह-पाठ्यक्रम और खेल गतिविधियों में छात्रों की सफलताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने गर्व से बताया कि पूर्व छात्र खिलानंद साहू और अनिमेष कुजूर अब भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ देकर स्कूल और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं।
यह ऐतिहासिक दिन विशेष था, क्योंकि सैनिक स्कूल के 17वें स्थापना दिवस के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती का भी उत्सव मनाया गया। यह एक ऐसा क्षण था जब राज्य की गौरवशाली यात्रा और सैनिक स्कूल की अनुशासित परंपरा एक साथ मंच पर जगमगा उठी। यह समारोह न केवल बीते हुए समय की सफलताओं का सम्मान था, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी था कि जब शिक्षा, संस्कृति और सेवा की भावना मिलती है, तो राष्ट्र-निर्माण का मार्ग और भी सशक्त हो जाता है।
छात्रों ने समारोह में एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। देशभक्ति गीतों, छत्तीसगढ़ी लोक नृत्यों, और मूक अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया। महाभारत पर आधारित एक नाट्य-गीत प्रस्तुति विशेष रूप से प्रशंसनीय थी। किड्स अम्बिकन प्राइमरी स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों का नृत्य भी एक अन्य आकर्षण था।
समारोह में विभिन्न सदनों को उनकी उत्कृष्ट वार्षिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। मानेकशॉ सदन को खेलों में सर्वश्रेष्ठ सदन का पुरस्कार मिला, जबकि अरिहंत सदन को सर्वश्रेष्ठ कनिष्ठ सदन घोषित किया गया। अर्जन सिंह सदन ने शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ सदन का ख़िताब जीता। इसके अलावा, अर्जन सिंह सदन को प्रतिष्ठित एनडीए ट्रॉफी भी प्रदान की गई, जो सबसे अधिक छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भेजने वाले सदन को दी जाती है। अर्जन सिंह सदन के हाउस मास्टर श्री शशिकांत ने कृषि मंत्री श्री नेताम से यह सम्मान प्राप्त किया।
इस विशेष अवसर पर, दो शिक्षकों—सामाजिक विज्ञान के अध्यापक और एनसीसी ए.एन.ओ. श्री शिवेश राय और सैनिक स्कूल के संस्थापक सदस्यों में से एक, हिंदी के अध्यापक श्री रवीन्द्र तिवारी—को उनके बेहतरीन शैक्षणिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, श्री महेश सिन्हा और श्री उदेश कुमार को भी उनके समर्पित कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार दिए गए।