छत्तीसगढ़

नशे के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई : 1200 नशीले इंजेक्शन के साथ युवक गिरफ्तार

अंबिकापुर। गांधीनगर थाना पुलिस ने नशे के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 1200 नशीले इंजेक्शन के साथ एक युवक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए इंजेक्शनों की काला बाज़ारी में कीमत करीब 12 लाख रुपए आंकी गई है। यह कार्रवाई शनिवार को मनेंद्रगढ़ रोड स्थित सेंट्रल स्कूल के पास की गई। पुलिस के मुताबिक, आरोपी नशीले इंजेक्शन की एक बड़ी खेप सप्लाई करने की फिराक में था, लेकिन समय रहते पुलिस ने उसे धर दबोचा।
अब इस मामले में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी इन इंजेक्शनों को कहां से लाया था और किन लोगों को इसकी आपूर्ति करनी थी।
गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने बताया कि शनिवार को थाने की पेट्रोलिंग टीम नियमित गश्त पर थी। जब टीम मनेंद्रगढ़ रोड स्थित सेंट्रल स्कूल के समीप पहुंची, तो वहां एक युवक सड़क किनारे खड़ा संदिग्ध रूप से किसी गाड़ी का इंतजार करता नजर आया। पुलिस की नजर उस पर पड़ी तो वह घबरा गया और अचानक बोरा और पिट्ठू बैग छोड़कर भागने लगा। पुलिस को उस पर पहले से ही शक हो चुका था, लिहाजा टीम ने तत्काल पीछा कर उसे मौके पर ही धर दबोचा। उसके पास मौजूद पिट्ठू बैग और प्लास्टिक बोरे की तलाशी लेने पर उसमें बड़ी मात्रा में नशीले इंजेक्शन बरामद हुए।
गिरफ्तार युवक की पहचान रोहित भगत (22 वर्ष) के रूप में हुई है। वह मूलतः सन्ना, जिला जशपुर का निवासी है, लेकिन वर्तमान में सुभाष नगर, गांधीनगर थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में युवक नशीले इंजेक्शनों की कोई अधिकृत बिल या वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया। उसने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि वह इन दवाओं को कहां से प्राप्त करता था और आगे किसे सप्लाई करने जा रहा था। पुलिस द्वारा की गई तलाशी में युवक के बैग और बोरे से निम्न प्रकार के इंजेक्शन बरामद हुए: रेक्सोजेसिक बुप्रेनो इंजेक्शन 02 एमएल के 600 इंजेक्शन, कुल मात्रा 1200 एमएल एविल इंजेक्शन 10 एमएल के 600 इंजेक्शन, कुल मात्रा 6000 एमएल इन दोनों इंजेक्शनों का उपयोग नशे के रूप में किया जाता है। ये आमतौर पर डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं बेचे जा सकते।
ब्लैक मार्केट में इनकी भारी मांग रहती है और यही कारण है कि इनकी कीमत काले बाजार में करीब 12 लाख रुपए बताई जा रही है। गांधीनगर थाना पुलिस ने रोहित भगत के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 (सी) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह धारा प्रतिबंधित मादक द्रव्यों की बड़ी मात्रा में अवैध रूप से रखने और तस्करी करने पर लागू होती है। आरोपी को शनिवार को ही कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल के अनुसार, आरोपी से पूछताछ के दौरान कुछ अहम जानकारियां मिली हैं। इसके आधार पर पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, और यह नशीली दवाओं की खेप कहां से लाई जा रही थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है जब रेक्सोजेसिक और एविल जैसे इंजेक्शन नशे के रूप में इस्तेमाल होते पाए गए हैं। इनका उपयोग मेडिकल क्षेत्र में सीमित और आवश्यक स्थिति में किया जाता है, लेकिन अपराधी इन्हें नशे के तौर पर बेचते हैं। इससे खासकर किशोरों और युवाओं में इसकी लत लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

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