मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर महिला से 2.83 करोड़ की ठगी

रायपुर। राजधानी से मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर साइबर ठगी का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस अधिकारी बनकर ठगों ने 63 वर्षीय महिला से पूरे 2.83 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। तीन महीने तक चले इस हाईटेक फ्रॉड में महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर बैंक खातों में बार-बार पैसे ट्रांसफर कराए गए। मामला सामने आने के बाद विधानसभा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ पूरा ठगी का खेल?
पीड़िता, जो सफायर ग्रीन विला निवासी हैं, ने पुलिस को बताया कि 21 मई 2025 को उनके पास एक कॉल आया। खुद को एसबीआई कस्टमर केयर बताने वाले शख्स ने कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि है। इसके बाद कॉल काटकर कहा गया कि उनका केस दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किया जा रहा है।
कुछ देर बाद वीडियो कॉलिंग व्हाट्सएप नंबर से एक शख्स जुड़ा, जिसने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया। उसने पीड़िता की संपत्ति, गहने, बैंक डिटेल सहित सभी निजी जानकारियां लीं और बताया कि उनके आधार कार्ड से मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है। कई फर्जी खाते उनके नाम से खोले गए हैं और मामला गंभीर है।
झांसे में आकर 2.83 करोड़ ट्रांसफर
ठगों ने कहा कि उनके निर्दिष्ट खातों में पैसे आरटीजीएस से ट्रांसफर करने होंगे ताकि जांच में सहयोग माना जाए। ठगों ने यह भी आश्वासन दिया कि सारा पैसा जांच पूरी होने के बाद वापस कर दिया जाएगा। डर के मारे महिला ने अलग-अलग खातों में कुल 2.83 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जब ठगी का एहसास हुआ…
पैसे भेजने के कुछ दिन बाद जब महिला ने अपने पैसे वापस मांगे, तो ठगों ने व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा— “आपके साथ फ्रॉड हो गया है”। यह पढ़कर पीड़िता के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत विधानसभा थाने में शिकायत दर्ज कराई।
जांच जारी, आरोपी फरार
पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने फर्जी आईडी, सॉफ्टवेयर और नकली वीडियो कॉल के जरिए महिला को मानसिक रूप से भ्रमित कर पूरी रकम वसूली।
विधानसभा थाना प्रभारी के अनुसार, “यह रायपुर में डिजिटल अरेस्ट और मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर हुई सबसे बड़ी साइबर ठगी है। बैंक डिटेल्स और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर जांच तेज़ कर दी गई है।”
पुलिस की अपील:
किसी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर निजी जानकारी न दें।
कोई भी अधिकारी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के निर्देश नहीं देता।
ऐसी घटनाओं की तुरंत 112 या साइबर सेल को जानकारी दें।
यह मामला एक बड़ा सबक है कि तकनीक का इस्तेमाल कर ठग अब लोगों के डर और भरोसे को हथियार बना रहे हैं। सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।