मिशन मोड में चलेंगे सभी स्वास्थ्य अभियान : स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल

दंतेवाड़ा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बुधवार को दंतेवाड़ा कलेक्टोरेट में बस्तर संभाग की स्वास्थ्य विभागीय संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली। बैठक में मलेरिया और एनीमिया उन्मूलन अभियानों को प्रभावी बनाने पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ विभागीय प्रयास नहीं, बल्कि सामुदायिक सहभागिता भी जरूरी है।
मिशन मोड में चलेंगे सभी स्वास्थ्य अभियान
मंत्री जायसवाल ने कहा कि मलेरिया, एनीमिया, क्षय रोग, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान योजना और आरोग्य मेलों जैसे अभियान केन्द्र और राज्य के मिशन मोड कार्यक्रम हैं। इन्हें गुणवत्ता के साथ लागू कर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे फील्ड पर जाकर कार्यों की निगरानी करें। साथ ही मच्छरदानी के उपयोग और डीडीटी छिड़काव को जन-जागरूकता अभियान से जोड़ें। उन्होंने पारंपरिक उपाय जैसे नीम की पत्तियां व गोबर के कंडे जलाकर मच्छरों को भगाने जैसी विधियों को भी पुनर्जीवित करने की बात कही।
एनीमिया मुक्त दंतेवाड़ा अभियान का शुभारंभ
स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर ‘एनीमिया मुक्त दंतेवाड़ा अभियान’ का विधिवत शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग, उपचार और फॉलोअप के जरिये एनीमिया की दर को कम करना सरकार की प्राथमिकता है।
मौके पर रखी गई स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी मांगें
बैठक में विधायक चैतराम अटामी ने अतिरिक्त एंबुलेंस, रायपुर रेफर मरीजों के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा, बचेली स्थित अपोलो अस्पताल में पंजीयन शुल्क कम करने, छिंदनार में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालन और जिला अस्पताल में सर्जनों की नियुक्ति जैसी मांगें रखीं। मंत्री ने इन पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त की समीक्षा रिपोर्ट
बैठक में स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया और आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बस्तर संभाग के कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों की पीपीटी के माध्यम से प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इसमें मलेरिया, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीबी उन्मूलन, एनसीडी, आयुष्मान, क्वालिटी एश्योरेंस, पोषण पुनर्वास केंद्र, और टीकाकरण से जुड़ी योजनाओं की वर्तमान स्थिति और सुधारात्मक प्रयासों की जानकारी दी गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि मलेरिया से किसी भी स्थिति में मृत्यु स्वीकार्य नहीं है। हर पॉजिटिव केस को दवा की पूरी खुराक मिले, मितानिनों द्वारा दी गई दवाओं की पुष्टि हो — यह सुनिश्चित करना होगा।
कलेक्टर ने दिए निर्देशों को लागू करने का आश्वासन
बैठक के अंत में दंतेवाड़ा कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। बैठक में मिले निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
इस अवसर पर सीजीएमएससी अध्यक्ष दीपक महस्के, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, महामारी नियंत्रक एस.के. पाम्भोई, जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा सहित स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।