छत्तीसगढ़

राज्य सरकार का गरीब आवासहीनों के हक में एक महत्वपूर्ण फैसला : पीएम आवास प्रक्रिया हुई सरल, अब ऑनलाइन प्रक्रिया से मिली मुक्ति

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के गरीब आवासहीनों के हक में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। अब पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत मकान बनाने वालों को आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया से मुक्त किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने गरीबों के भवन निर्माण अनुज्ञा प्रकरणों की स्वीकृति के लिए भवन विकास शुल्क, अनुज्ञा शुल्क तथा अन्य शुल्क से मुक्त किया है।

इस संबंध में राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभा ने प्रदेश के सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) घटक के लिए भवन अनुज्ञा की प्रक्रिया में सरलीकरण के संबंध में अवगत कराया है।

सरकार दे रही है ये छूट

राज्य शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना -सबके लिये आवास मिशन के हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएसली) घटक के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के पात्र हितग्राहियों के शीघ्र आवास निर्माण हेतु उपांतीय खुला क्षेत्र (सिटबैक एमओएस) का शिथिलीकरण सहित भवन अनुज्ञा प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए भवन अनुज्ञा शुल्क से मुक्त किया गया है।

इस तरह लागू होंगे प्रावधान

स्वीकृत परियोजना के पात्र हितग्राहियों के स्वयं के स्वामित्व (लगानी भूमि) वाले भूखण्ड अथवा स्थायी पट्टे पर प्राप्त आवासीय भूनि पर आवास निर्माण हेतु भवन मानचित्र निर्माण अनुज्ञा ऑनलाईन जारी करने की कठिनाईयों को देखते हुए ऑनलाईन प्रक्रिया से मुक्त करते हुए संबंधित वार्ड मोहल्ला में शिविर आयोजित कर मैनुअल पद्धति से भवन अनुज्ञा जारी कर तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ करने कहा गया है। भवन अनुज्ञा आवेदन हेतु किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया लिया जाएगा।

अब नहीं लगेंगे ये शुल्क

परियोजना के अंतर्गत चयनित हितग्राही कमजोर आय वर्ग से आते हैं, इसलिए उनके भवन निर्माण अनुज्ञा प्रकरणों की स्वीकृति के लिए भवन विकास शुल्क, अनुज्ञा शुल्क तथा अन्य शुल्क से मुक्त किया गया है। आदेश में कहा गया है कि परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रावधान के तहत भवन अनुज्ञा जारी कर तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावे. जिससे नगर के सुनियोजित विकास की दृष्टि से कोई विपरीत स्थिति निर्मित न हो। परियोजना का क्रियान्वयन भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप हो एवं तदनुसार प्रस्तावित स्थल लाभार्थी आधारित निर्माण घटक के लिए उपयुक्त हो।

मकान ऐसी जगह बने कि हटाना न पड़े

प्रस्तावित स्थल स्थायी आवासीय बस्ती मोहल्ला के रूप में स्थापित हो तथा. भविष्य में अन्यत्र व्यवस्थापन किया जाना प्रस्तावित न हो। प्रस्तावित निर्माण से नगर हेतु प्रस्तावित मुख्य मार्ग, मार्ग चौड़ीकरण, बायपास निर्माण, नाला, प्राकृतिक जल स्त्रोत, बाढ प्रभावित क्षेत्र एवं सार्वजनिक उपयोग प्रयोजन हेतु स्वीकृत स्थल प्रभावित न हो। एफआरए भूमि विकास नियम 1984 विकास योजना के प्रावधान अनुसार होगा। पहुंच मार्ग की चौड़ाई न्यूनतम 3.50 मीटर मान्य होगी। प्रस्तावित भवन निर्माण की ऊँचाई भूमि विकास नियम की धारा 62 के अनुसार सामने के खुला क्षेत्र फ्रंट सेटबैक) सहित विद्यमान मार्ग चौड़ाई के 1.50 गुने से अधिक नहीं होगी।

हाईटेंशन लाइन से द्वर रहे मकान

प्रस्तावित भवन निर्माण से विद्युत लाइन (एचटीएलटी) की न्यूनतम दूरी भूमि विकास नियम 1984 के नियम के प्रावधानों के अनुसार रखा जाना अनिवार्य होगा। भवन में खुली सीढ़ी का निर्माण, घुमावदार सीडी निर्माण एवं पार्किंग का निर्माण का प्रावधान आगे की ओर खुले क्षेत्र में इस प्रकार किया जाये जिससे भवन के सामने स्थित मार्ग, नाली आदि अधोसंरचना में बाधा उत्पन्न न हो। हितग्राही के आवास में यदि पूर्व से किसी योजना अंतर्गत पक्के शौचालय का निर्माण किया गया है तो आवास निर्माण के नक्ये में इस प्रकार शामिल किया जाये कि इसे क्षतिग्रस्त करने की आवश्यकता न हो। भवन अनुज्ञा आवेदन के साथ नगरीय निकाय के लंबित कर एवं शुल्क जमा करने की अनिवार्यता को शिथिल किया गया है, लेकिन नियमानुसार वसूली की कार्यवाही अप्रभावित रहेगी।

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