
रायपुर। गरीब और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान योजना) एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। इस योजना ने मुंगेली जिले के ग्राम कंतेली के सुरदा गाँव की अनीता पटेल के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है।
अनीता के पास सिर्फ एक एकड़ ज़मीन थी, और उनके पति और तीन बच्चों का परिवार गरीबी में जीवन जी रहा था। कम आय की वजह से बच्चों की पढ़ाई भी मुश्किल हो गई थी। ऐसे में, सरकार की बिहान योजना उनके लिए एक वरदान साबित हुई।
बिहान योजना से मिली नई राह
अनीता ने “माँ शाकंभरी स्व-सहायता समूह” का गठन किया। इस समूह को सबसे पहले 15,000 रुपये की चक्रीय निधि और 60,000 रुपये का सामुदायिक निवेश कोष प्राप्त हुआ। इस पैसे का इस्तेमाल करके उन्होंने अपनी बाड़ी में सब्ज़ियों की खेती शुरू की। जब उनकी खेती बढ़ने लगी, तो सरकार की मदद से बैंक से उन्हें 1 लाख रुपये का ऋण भी मिला।
अनीता अब अपनी बाड़ी में ग्राफ्टेड मिर्च, बैंगन और अन्य सब्ज़ियाँ उगाकर सालाना लगभग ढाई लाख रुपये कमा रही हैं। मुंगेली मंडी पास होने के कारण, उन्हें अपनी सब्ज़ियाँ बेचने और तुरंत नकद पैसे पाने में आसानी होती है।
आत्मनिर्भरता और बेहतर भविष्य
अनीता का कहना है कि बिहान योजना से जुड़ने के बाद न सिर्फ उनके परिवार का खर्चा चलाना आसान हुआ, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है। वह अन्य महिलाओं को भी इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की सलाह देती हैं।
अनीता ने इस मदद के लिए कलेक्टर और प्रशासन का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब उनके बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने को पूरा करने का रास्ता आसान हो गया है।