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नए साल में सिम्स अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में एक और बड़ी उपलब्धि की हासिल

बिलासपुर। नए साल में सिम्स अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में  एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। दो मरीजों के आंख की जटिल बीमारी का सफल इलाज किया गया है। नेत्रदान से मिले कॉर्निया के प्रत्यारोपण से उनकी रोशनी वापस आ गई है।

सिम्स अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ. विवेक शर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें से एक 60 वर्षीय मरीज,जिनकी दाहिनी आँख में दिखाई नहीं देने तथा साथ में आँखों से लगातार पानी बहने की शिकायत के साथ नेत्ररोग विभाग की ओपीडी में जांच कराने आये थे।

जांच में यह पाया गया की मरीज की पुतली में मवाद पड़ गया है, जिसे चिकित्सकीय भाषा में बवतदमंस नसबमत (कॉर्निया में घाव) कहते है। कई बार यह मवाद दवाईयों से ठीक हो जाता है परंतु संकमण अधिक होने पर इसमें कॉर्निया प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती हैं। मरीज को ज्यादा संक्रमण होने के कारण उन्हें कॉर्निया प्रत्यारोपण की सलाह दी गई थी।

दूसरा मरीज 50 वर्षीय जिन्हें कॉर्निया में संक्रमण हुआ था जांच के बाद दवाईयों के द्वारा संकमण को दूर कर दिया गया था। किन्तु आखों में सफेदी रह गई थी तथा मोतियाबिंद भी हो गया था जिसके कारण आँखो की रोशनी चली गई थी।

सिम्स के नेत्रबैंक में नेत्रदान से प्राप्त कॉर्निया आई तो इन दोनों मरीजों को तत्काल प्रत्यारोपण हेतु फोन करके बुलाया गया। मरीज द्वारा सहमति देने पर सिम्स के डॉक्टरों द्वारा कॉर्निया प्रत्यारोपण (Corneal Transplantation) के साथ ही मरीज की आँख में मोतियाबिंद का भी ऑपरेशन कर लेंस प्रत्यारोपण किया गया जिसके बाद मरीज के आँखों का संक्रमण हट गया है तथा मरीज की आँख में रोशनी वापस आ गई है।

इस जटिल ऑपरेशन में नेत्र रोग विभाग के चिकित्सक डॉ सुचिता सिंह विभागाध्यक्ष, डॉ. प्रभा सोनवानी असिस्टेट प्रोफेसर, डॉ. ज्योति आचार्य, डॉ. विभा राज तथा पी जी छात्र छात्राओं एवं नर्सिंग स्टाफ निशावाणी नेहा उड़ान एवं संदीप कौर तथा वार्ड ब्वाय बंशी कोलाम, विनय गढ़ेवाल तथा प्रसन्ना का सहयोग रहा।

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