छत्तीसगढ़

मोदी-शाह के अलावा योगी व हिमंत बिस्वा सरमा की होंगी सभाएं

रायपुर। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस-भाजपा में हिंदुत्व की राजनीति तेज हो चुकी है। कांग्रेस ने जहां राम वनगमन पथ, रामायण महोत्सव, माता कौशल्या मंदिर निर्माण से अपनी साफ्ट हिंदुत्व की छवि को पीछे धकेल दिया है वहीं, भाजपा ने भी प्रभावशाली और हिंदुत्व छवि वाले नेताओं की सभा कराने की रणनीति बनाई है।

भाजपा लगातार मतांतरण व हिंदुत्व के मुद्दे की धार को तेज करती दिख रही है। प्रदेश में भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय समेत अन्य की सभाएं होने वाली हैं।

राजनांदगांव में शाह की सभा और बिरनपुर से निशाना

सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नामांकन दाखिले के लिए राजनांदगांव पहुंचे। उन्होंने सभा में बिरनपुर के भुनेश्वर साहू की हत्या का भी जिक्र किया। शाह ने कहा कि भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बनने के बाद आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। शाह ने आगे कहा कि इसलिए हमने उनके पिता ईश्वर साहू को विधानसभा चुनाव का टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। शाह ने आरोप लगाया कि तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के लिए भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के बेटे भुनेश्वर साहू की हत्या करवा दी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने भुनेश्वर साहू के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का फैसला किया है। इधर, ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि यह कोई मुद्दा नहीं बनने वाला है। ज्ञात हो कि साजा विधानसभा क्षेत्र में मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ लड़ रहे ईश्वर साहू के पुत्र भुवनेश्वर साहू की अप्रैल 2023 में बिरनपुर गांव में हुई हिंसा में हत्या कर दी गई थी। इस मामले को भाजपा कथित धार्मिंक हिंसा बताकर चुनावी मुद्दा बनाते नजर आ रही है।

शाह ने किया धार्मिक विद्वेष फैलाने का काम: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने शाह के आरोप पर पलटवार कर कहा कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और फिजा को खराब करने का काम किया। उनका भाषण धार्मिक विद्वेष फैलाने वाला है। देश के गृह मंत्री ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का काम किया। शाह के खिलाफ हम चुनाव आयोग में शिकायत करेंगे।

कवर्धा आ सकते हैं हिमंत बिस्वा सरमा

कवर्धा में 18 अक्टूबर को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा के नामांकन दाखिले के पूर्व सभा ले सकते हैं। विजय कवर्धा में कथित भगवा झंडा लगाने के विवाद में आरोपित रहे हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश में हिंदुत्व की राजनीति में कड़ा मुकाबला है। एक ओर कांग्रेस की सरकार ने गोबर खरीदी और राम वनगमन परिपथ, राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता, हनुमान चालीसा का पाठ के माध्यम से साफ्ट हिंदुत्व की छवि को पीछे छोड़ने का काम किया है तो वहीं, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी आदिवासी इलाकों में मतांतरितों की घर वापसी का अभियान तेज कर रखा है। छत्तीसगढ़ में मिशनरियों की गुपचुप चल रही गतिविधियों और मतांतरण पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप), धर्म जागरण मंच के अलावा स्वयंसेवकों की टीम संयुक्त रूप से काम पर जुटी हुई है।

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