भारतमाला परियोजना घोटाला : छापेमारी में करोड़ों की गड़बड़ी के मिले सुराग

रायपुर। भारतमाला परियोजना में करोड़ों की गड़बड़ी को लेकर ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की छापेमारी कार्रवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। रायपुर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 20 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए, जिनमें निलंबित पटवारी लेखराम देवांगन, तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे सहित कई अधिकारियों के आवास शामिल हैं।
क्या मिला छापे में?
जांच एजेंसियों को छापे में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैंक खातों की जानकारी, प्रॉपर्टी में निवेश से जुड़े दस्तावेज समेत अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं।
जांच एजेंसी ने जारी किया प्रेस नोट
EOW-ACB ने छापे की जानकारी साझा करते हुए प्रेस नोट जारी किया है। एजेंसियों ने पहले ही इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
मामला क्या है?
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि में 43 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। आरोप है कि जमीनों को टुकड़ों में बांटकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 78 करोड़ रुपये का भुगतान दिखाया गया, जिसमें अफसरों और दलालों का गठजोड़ शामिल है।
इनके ठिकानों पर पड़ी रेड:
तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू (देवीनवागांव, अभनपुर)
तहसीलदार शशिकांत कुर्रे (रायपुर)
पटवारी लेखराम देवांगन (रायपुर)
अन्य ठिकाने: आरंग, दुर्ग, भिलाई, कांकेर (नरहरपुर)
अब तक निलंबित अधिकारी:
शशिकांत कुर्रे, तत्कालीन तहसीलदार व वर्तमान में कोरबा डिप्टी कलेक्टर
निर्भय साहू, पूर्व निगम कमिश्नर, जगदलपुर
इन दोनों पर कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के 6 महीने बाद शुरू हुई।
इनपर गड़बड़ी के गंभीर आरोप:
निर्भय साहू (तत्कालीन एसडीएम)
शशिकांत कुर्रे (तहसीलदार)
लखेश्वर प्रसाद किरण (नायब तहसीलदार)
लेखराम देवांगन (पटवारी)
जितेंद्र साहू
दिनेश पटेल
विजय जैन
हरमीत सिंह
मनजीत सिंह
आशीष दास
उमा तिवारी
केदार तिवारी
रोशन वर्मा
अब EOW-ACB आगे की जांच के तहत जब्त दस्तावेजों का विश्लेषण करेगी और आरोपियों से पूछताछ कर सकती है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।