छत्तीसगढ़

भूपेश की राजनीति ने जी. 20 के गौरव क्षण में छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व से वंचित किया : सांसद अरुण साव

रायपुर। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने कहा कि जब विश्व की तमाम महाशक्तियां भारत की गौरवशाली संस्कृति की थाप पर झूम रही हैं तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घटिया राजनीति ने जी. 20 के गौरव क्षण में छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व से वंचित किया है। जी 20 के आयोजन पर कांग्रेस विघ्न संतोषी की भूमिका निभा रही है। उसके राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तक इस सम्मेलन को लेकर जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, वह कांग्रेस के चरित्र के अनुकूल ही है। जी. 20 सम्मेलन में आए मेहमानों के सम्मान में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने रात्रि भोज का आयोजन किया तो इस पर भी कांग्रेस राजनीति कर रही है। यह कोई राजनीतिक सम्मेलन नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जी 20 विश्व की 70 फीसदी आबादी, 85 प्रतिशत जीडीपी और 80 प्रतिशत उत्पादन का प्रतिनिधित्व करता है। मोदी के प्रयासों से अफ्रीकन यूनियन को इस समूह में शामिल करने के बाद अब यह समूह विश्व की 88 फ़ीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहा है। जी. 20 सम्मेलन विश्व की तमाम महा शक्तियों का संगम है। भारत इसकी अध्यक्षता कर रहा है। यह हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है। इस सम्मेलन में भारत का मान उत्कर्ष पर है। तब कांग्रेस संकीर्ण मानसिकता का प्रदर्शन कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के शुभारंभ में राष्ट्रपति के भोज में डॉ. मनमोहन सिंह व कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रित किया गया। कांग्रेस को दिक्कत यह है कि उसके अध्यक्ष और परिवार विशेष को न्यौता नहीं मिला। इसलिए भूपेश बघेल जैसे कांग्रेसी मुख्यमंत्री चाटुकारिता के कारण आयोजन में नहीं पहुंचे और तरह तरह की बहानेबाजी करते हुए बयान बदल रहे हैं। पहले कहा कि दिल्ली में नो फ्लाइंग जोन की वजह से हवाई जहाज उतरने की अनुमति नहीं थी, इसलिए नहीं गए। जब गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि स्टेट प्लेन उतरने की अनुमति है तो बयान बदल दिया कि खरगे और अन्य नेताओं को नहीं बुलाया। हम नहीं जाएंगे। तीसरे दिन फिर कहा कि जाना चाहते थे लेकिन परमीशन की सूचना राज्य को नहीं थी। भूपेश बघेल राजनीति के लिए तो बहुत समय है। देश और छत्तीसगढ़ के गौरव से जुड़े अवसर पर राजनीति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि भूपेश जिस सम्मेलन में सौ देशों के आने की दुहाई दे रहे हैं, उसकी हैसियत और जी. 20 की क्षमता का अध्ययन उन्हें करना चाहिए।

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