अन्वेषण ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई : शराब घोटाला मामले में तीन और गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए लोगों में सीए संजय मिश्रा, उनके भाई मनीष मिश्रा, और आबकारी विभाग के पूर्व ओएसडी अरविंद सिंह के भतीजे अभिषेक सिंह शामिल हैं।
EOW की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, तीनों को बीते दो दिनों से ईओडब्ल्यू कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। शुरू में उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन शुक्रवार को उन्हें दोबारा बुलाकर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद परिजनों को सूचित किया गया और शनिवार को आरोपियों को अदालत में पेश किया गया।
फर्जी होलोग्राम और अवैध शराब सप्लाई का मामला
इस घोटाले में 2019 से 2022 के बीच नकली होलोग्राम लगाकर, बिना एक्साइज ड्यूटी दिए, सरकारी शराब दुकानों के ज़रिए शराब बेची गई थी। इससे राज्य सरकार को भारी 2161 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ।
गिरफ्तार आरोपी मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह पर आरोप है कि इन्होंने Nextgen Power नाम की कंपनी बनाकर FL-10 लाइसेंस के तहत महंगी ब्रांडेड अंग्रेज़ी शराब की आपूर्ति की। सीए संजय मिश्रा पर इनकी आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी का आरोप है।
अब तक 5 चार्जशीट, 66,000 पन्नों का खुलासा
ईओडब्ल्यू इस मामले में अब तक 5 चार्जशीट दाखिल कर चुका है। पांचवीं चार्जशीट 66,000 पन्नों की है, जिसमें तीस आबकारी अधिकारियों की संलिप्तता उजागर की गई है। कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है, और उनकी जमानत याचिकाएं विशेष न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई हैं।
मुख्य आरोपी पहले ही गिरफ्त में
इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार हो चुके प्रमुख आरोपियों में आईएएस अनिल टुटेजा (पूर्व सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग), अरुणपति त्रिपाठी (तत्कालीन एमडी, स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड), अरविंद सिंह (ओएसडी, आबकारी विभाग) और अनवर ढेबर (पूर्व महापौर के भाई) को मुख्य मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
ईओडब्ल्यू जल्द जारी करेगी विस्तृत विवरण
गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू इस मामले में आगे की जानकारी और सबूतों को लेकर विस्तृत प्रेस रिलीज़ जारी कर सकती है। पूरे प्रदेश की निगाहें इस बड़े घोटाले की जांच पर टिकी हैं।