भाजपा सरकार किसान हित में नहीं ले पा रहा निर्णय : विनोद चंद्राकर
महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि खरीफ का सीजन आ गया लेकिन, प्रदेश के सोसायटियों में अब तक खाद-बीज का भंडारण नहीं किया जा सका है। किसानों के कथित हितैषी बनने वाली भाजपा सरकार केवल खाद बीज की कमी नहीं होने की बातें कर रहे हैं। लेकिन, वास्तविकता कुछ और हैं, सोसायटियों में खाद-बीज लेने पहुंच रहे किसान खाली हाथ लाैट रहे हैं।
चंद्राकर ने कहा कि बोनी का समय आ गया है लेकिन किसानों को अभी तक खाद व बीज की उपब्लधता नहीं हो पा रही है। किसान बाजार से उंचे दाम पर बीज व खाद खरीदने को विवश हो रहे हैं।
इससे पहले जब कांग्रेस की 5 वर्षों तक सरकार थी, तब कभी भी खाद व बीज की समस्या नहीं हुई। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट व सुपर कम्पोस्ट खाद उपलब्ध कराया गया। लेकिन, प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही खाद व बीज की समस्या शुरू हो गई है।
चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 80 फीसदी सोसायटियों में खाद-बीज आवश्यक मात्रा में अब तक नहीं पहुंच पाई है। भाजपा के नेता जैविक खेती की केवल बात करते हैं, इनका काम इनके दावे से उलट होता है। प्रदेश के किसी भी सोसायटी में ना वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध है, ना सुपर कंपोस्ट। जैविक खेती का विकल्प किसानों से साय सरकार ने छीन लिया है।
छग के किसान अब केवल रासायनिक खाद के भरोसे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को जैविक खेती करने प्रेरित किया था। इसलिए प्रत्येक गोठानों में गोबर की खरीदी कर उसे खाद बनाकर किसानों को दिया जाता था। जिसका उपयोग कर किसान रसायन मुक्त अन्न उगा रहे थे।
वर्मी कंपोस्ट, गोबर खाद से किसानों की भूमि सुधार, खेतों की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हुई थी। किसानों के साथ इसका लाभ समूह की महिलाओं को भी मिल रहा था। इसके माध्यम से आर्थिक लाभ महिलाओं को मिल रहा था। 10 रूपए में वर्मी कम्पोस्ट और 6 रूपए में सुपर कम्पोस्ट प्रति किलो की दर पर उपलब्ध था। यदि व्यवस्था में कोई खामी थी तो उस खामी को दूर किया जाना था, लेकिन इस बेहतरीन योजना को बंद कर साय सरकार ने किसान विरोधी होने का प्रमाण दिया है।
चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश की सरकार केवल केन्द्र सरकार पर आश्रित है। केंद्र के रिमोट पर चलने वाली यह सरकार किसान हित में फैसले नहीं ले पा रही है। प्रदेश में खरीफ सीजन में किसानों को खाद-बीज तो नहीं मिल रही। लेकिन, खाद व बीज की कालाबाजारी करने सरकार की संरक्षण में एक संगठित गिरोह सक्रिय हो गया है। जिसे भाजपा की सरकार अपना मौन समर्थन दे रहा है।