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चैतन्य बघेल ने की 16.70 करोड़ की ‘अपराध आय’ की हेराफेरी : ईडी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है। उन्हें 18 जुलाई को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 22 जुलाई तक पांच दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया गया है।

ईडी ने मामले को लेकर आधिकारिक प्रेस नोट जारी करते हुए चैतन्य बघेल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गंभीर आरोप लगाए हैं।

ईडी का आरोप : 16.70 करोड़ की ‘अपराध आय’ की हेराफेरी

ईडी के मुताबिक, चैतन्य बघेल को 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपए की अपराध आय (POC) प्राप्त हुई। इस राशि को वैध दिखाने के लिए उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों का इस्तेमाल किया और इस पैसे का उपयोग अपने विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट जैसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में नकद भुगतान और बैंक एंट्रीज के ज़रिए किया।

ईडी का दावा है कि उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत कर एक योजना तैयार की, जिसके तहत ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीद की आड़ में 5 करोड़ रुपये नकद चैतन्य बघेल को ट्रांसफर किए गए।

बैंकिंग ट्रेल से मिले अहम सुराग

प्रेस नोट में कहा गया है कि त्रिलोक सिंह ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से मिले फंड के ट्रांजैक्शन मिले हैं, जिन्हें आगे राज्य कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को ट्रांसफर किया गया। ईडी का दावा है कि घोटाले से अर्जित धन बघेल परिवार के करीबी सहयोगियों में भी वितरित किया गया है।

पहले से गिरफ्तार कई बड़े नाम

इस शराब घोटाले में पहले ही कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस), अरविंद सिंह (पूर्व ओएसडी, आबकारी विभाग), त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर (पूर्ण महापौर के भाई), अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और कवासी लखमा (विधायक व तत्कालीन आबकारी मंत्री) शामिल हैं।

ईडी की जांच जारी

ईडी ने कहा है कि घोटाले से संबंधित अंतिम फंड उपयोग की जांच अभी जारी है और आगे की गिरफ्तारियां या खुलासे संभव हैं।

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