छत्तीसगढ़

राहुल गांधी की राह पर छग के कांग्रेसी, हार की जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं : संजय श्रीवास्तव

रायपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि विधानसभा के बाद प्रदेश की लोकसभा सीटों पर करारी हार के बाद भी कांग्रेस में हार की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। सब या आपसी जुबानी जंग में लगे हैं, या फिर हार से बौखलाए कांग्रेस नेता स्तरहीन बयानबाजी करके अपने मानसिक दीवालिएपन का प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस के भीतर अब लगातार हार की समीक्षा के लिए बैठक बुलाने की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन कांग्रेस नेता सिर्फ हवा-हवाई बयानबाजी करके अपनी बची-खुची सियासी साख बचाने में लगे हैं।

भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि कांग्रेस की राजनीतिक संस्कृति ही यही रही है कि वहाँ ऊपर से लेकर नीचे तक कोई नेता जीत को पचा नहीं पाता और हार के लिए खुद को जिम्मेदार नहीं मानता। कांग्रेस में राहुल गांधी से लेकर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल तक यही कर रहे हैं। तीन-तीन लोकसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में कांग्रेस के लगातार दयनीय प्रदर्शन के बाद भी राहुल गांधी  अहंकार और खुशफहमी में जी रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा राहुल गांधी पहले यह तो बताएँ कि जब जीत जाने का इतना भरोसा था तो सोनिया गांधी रायबरेली सीट छोड़कर राजस्थान के रास्ते राज्यसभा में क्यों गईँ? और, अपनी ही अमेठी सीट छोड़कर राहुल गांधी ने दो बार केरल की वायनाड सीट क्यों चुनी? कुल जमा 99 सीट हासिल करने वाले राहुल गांधी कम-से-कम यह तो मानें कि 240 का आँकड़ा 99 से लगभग ढाई गुना ज्यादा बड़ा होता है। यही हाल पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का है। विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर दिया और अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को रसातल में पहुँचाने के बाद बजाय अपनी जिम्मेदारी स्वीकारने के, इस खुशफहमी और अहंकार में हैं कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के पाजामे का नाड़ा काट दिया।

संजय श्रीवास्तव ने कहा कि बघेल विधानसभा चुनाव की करारी शिकस्त और लोकसभा चुनाव की हार के बाद अब राहुल, पाजामा और नाड़े से बाहर निकलकर राजनीतिक सच का सामना करने की आदत डाल लें। खुद बघेल राजनांदगांव में चुनाव हार गए, उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई, राहुल गांधी, जिनके लिए भूपेश बघेल बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2014, 2019 और 2024 में 3 लोकसभा चुनाव लड़े हैं और तीनों चुनाव की सीटों को मिलाकर भी कांग्रेस ने कुल 195 सीट मात्र जीती है जबकि भाजपा ने केवल 2024 के लोकसभा चुनाव में 240 सीटें जीती है और इसकी तुलना में कांग्रेस की सीटें काफी कम है तो बघेल अपनी ही भाषा में खुद ही समझ लें कि किसने, किसका नाडा काटा है? आखिर बघेल मीडिया का सामना क्यों नहीं कर रहे और क्यों नहीं बता रहे कि वह खुद क्यों हारे और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शर्मनाक हार क्यों हुई? श्रीवास्तव ने तंज कसा कि न बघेल हार की जिम्मेदारी ले रहे हैं, न प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज किसी एक को जिम्मेदार मान रहे हैं। बैज यह तो बताएँ कि कांग्रेस की हार के लिए अगर कोई एक नेता जिम्मेदार नहीं है तो जो-जो नेता जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही कब तक तय की जा रही है? कांग्रेस संगठन में फेरबदल की चर्चा चलाकर क्या हार का ठीकरा फोड़ने के लिए मत्था तलाशा जा रहा है?

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