छत्तीसगढ़

 मुख्यमंत्री बघेल ने परिवहन विभाग की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का वर्चुअल किया शुभारंभ

रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय से बुधवार को परिवहन विभाग की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया। जिसमें महिला सुरक्षा हेतु निर्भया कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (जीपीएस), अनफिट वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने हेतु रायपुर व दुर्ग में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर के साथ ही विभिन्न लिंकेज मार्गाे से गुजर रहे वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा स्थापित करने से जुड़ी परियोजनाएं शामिल है। कार्यक्रम में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री बघेल ने परिवहन विभाग की इन परियोजनाओं को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और बिना वैध दस्तावेज वाले वाहनों पर कार्रवाई भी होगी। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में परिवहन विभाग की नवाचारी पहल मददगार साबित होगी। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव गृह मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, परिवहन विभाग सचिव एस. प्रकाश, मुख्यमंत्री के सचिव अंकित आनंद, सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, एस. भारतीदासन सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

पैनिक बटन दबाते ही पुलिस को मिलेगी सूचना

परिवहन विभाग के आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग ने कई नवाचारी पहल की शुरूआत की है। इसी कड़ी में सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देने के लिए निर्भया फण्ड के तहत भारत सरकार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश अनुसार व्हीकल ट्रेकिंग प्लेटफार्म स्थापित किया गया है। परियोजना अंतर्गत राज्य में संचालित यात्री वाहनों में जीपीएस एवं पैनिक बटन लगेगा। किसी भी आपात स्थिति में पैनिक बटन दबाने से तत्काल ही सूचना परिवहन विभाग के कमांड एवं कंट्रोल सेंटर के माध्यम से पुलिस विभाग के डायल 112 को प्राप्त हो जाएगी। जिससे महिलाओं एवं बच्चों का यात्री वाहनों में सफर सुरक्षित होगा और आपात स्थिति में उन्हें सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।

वाहनों की तेजी से होगी फिटनेस की जांच

परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में वाहनों की बढ़ती संख्या और दुर्घटनाओं को देखते हुए रायपुर और दुर्ग में आटोमेटेड फिटनेस सेंटर की स्थापना की गई है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिटनेस सेंटर में मेन्युअल की तुलना में अधिक वाहनों का फिटनेस टेस्ट किया जा सकता है। फिटनेस सेंटर में माल वाहनों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड मशीनों द्वारा किया जाएगा और टेस्ट में फेल होने वाले वाहनों को सड़क पर नहीं चलने दिया जाएगा। सड़कों में फिट वाहनों का परिचालन हो, इसमें ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बड़ी मददगार साबित होगी और कम समय में अधिक से अधिक वाहनों का टेस्ट किया जा सकेगा। गौरतलब है कि रायपुर और दुर्ग के बाद बिलासपुर, अंबिकापुर जगदलपुर, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगाव) में आटोमैटिक फिटनेस सेंटर स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है।

बिना वैध दस्तावेज वाले वाहनों पर होगी कार्रवाई

परिवहन विभाग द्वारा आज शुरू हुई तीसरी परियोजना आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरा विथ ई-डिटेक्शन है। परियोजना अंतर्गत ऐसे वाहनों पर कार्यवाही की जाएगी जो राजमार्ग में संचालित न होकर विभिन्न लॉकेज मार्गों से गुजर रही है। इन लीकेज मांगों पर एएनपीआर कैमरा स्थापित किया जा रहा है, एएनपीआर कैमरे के माध्यम से प्राप्त होनी वाली गाड़ियों की जानकारी को वाहन सॉफ्टवेयर के डेटाबेस से मिलान कर बिना वैध दस्तावेज के चलने वाली गाड़ियों पर ई-चालान किया जायेगा। इस हेतु एनआईसी के सहयोग से ई- डिटेक्शन साफ्टवेयर विकसित किया गया है। ई-डिटेक्शन सॉफ्टवेयर के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा से भी जानकारी प्राप्त कर बिना वैध दस्तावेज के गुजरने वाली गाड़ियों पर चालानी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

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