
रायपुर । शारीरिक चुनौतियों को पीछे छोड़ कर सामान्य जीवन और शिक्षा में उत्कृष्टता का उदाहरण बने तीन बच्चे – भावना पटेल, नंदिनी पिल्लई और जीत पटेल। पं. ज.ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के ईएनटी विभाग में कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी और निरंतर स्पीच थैरेपी के बाद इन तीनों ने सामान्य स्कूलों में न सिर्फ पढ़ाई की, बल्कि शानदार अंकों के साथ सफलता भी हासिल की।
भावना पटेल ने 11वीं (सीजी बोर्ड) में 86% अंक प्राप्त किए।
नंदिनी पिल्लई ने 10वीं (सीबीएसई बोर्ड) में 77.05% अंक पाए।
जीत पटेल ने 10वीं (सीबीएसई बोर्ड) में 90.6% अंकों से सफलता पाई।
चिकित्सा और परिश्रम की मिसाल
ईएनटी विभाग की प्रमुख डॉ. हंसा बंजारा ने बताया कि ये तीनों बच्चे जन्म से श्रवण बाधित थे, लेकिन समय पर की गई कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी और नियमित स्पीच थैरेपी से उनकी सुनने और बोलने की क्षमता में जबरदस्त सुधार हुआ। इसी की बदौलत ये छात्र आज सामान्य स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि अब तक 285 से अधिक कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी यहां की जा चुकी हैं, जो पूरी तरह से निःशुल्क हैं। इंप्लांट के बाद निरंतर स्पीच थैरेपी से बच्चों को सामाजिक और शैक्षणिक मुख्यधारा में लाना संभव हो सका है।
परिजनों का आभार
बच्चों के माता-पिता ने डॉ. हंसा बंजारा और चिकित्सा टीम का आभार जताते हुए कहा कि सही समय पर मिली मदद और मार्गदर्शन ने हमारे बच्चों की ज़िंदगी बदल दी। यह उपलब्धि समाज में यह संदेश देती है कि यदि समर्पण और सहयोग मिले, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं।
इन विद्यार्थियों की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि “संघर्ष के साथ संकल्प हो, तो हर कमी को काबिलियत में बदला जा सकता है।”