अजीत पवार ने ठोका एनसीपी पर दावा, बैठक में पहुंचे 30 विधायक

मुंबई (एजेंसी)। मुंबई में चाचा-भतीजे की लड़ाई तेज हो गई है। अजीत पवार ने अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर दावा ठोक दिया है। एनसीपी के दोनों गुटों ने बुधवार को शक्ति प्रदर्शन किया। 2019 में एनसीपी के 53 विधायक चुने गए थे। आज इन 53 में से करीब 30 विधायक अजित पवार की बैठक में शामिल हुए। आठ में से पांच एमएलसी भी इस बैठक में पहुंचे। अजित पवार गुट ने 42 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया है। वहीं, दूसरी ओर शरद पवार ने भी वाई बी चह्वाण सेंटर में बैंठक की। बताया जाता है कि शरद पवार की इस बैठक में करीब 17 विधायक और दो एमएलसी पहुंचे। सांसदों की बात करें तो शरद गुट के साथ लोकसभा के चार सांसद हैं। वहीं, अजित गुट को एक राज्यसभा सांसद का साथ मिला है।
सुबह 11 बजे अजित पवार ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। अजित गुट का दावा है कि उनके पास 42 से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा एमएलसी, सांसद और पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 53 में से 30 विधायक अजित पवार की बैठक में शामिल हुए। पांच एमएलसी भी इस दौरान अजित के साथ खड़े दिखाई दिए।
अजित ने इसके बाद अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। बोले, ‘एनसीपी के सभी विधायक हमारे साथ हैं। आज कुछ विधायक मेरी बैठक में नहीं पहुंच पाए। कुछ को हमने वाई बी चह्वाण सेंटर में शरद पवार की बैठक में भेज दिया है, लेकिन सारे विधायक हमारे संपर्क में हैं।’
दूसरी ओर, अजित के चाचा और एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार ने भी एक बजे बैठक बुलाई। इसमें करीब 17 विधायक पहुंचे। दो एमएलसी भी पहुंचे। एनसीपी के पांचों लोकसभा सांसद इस बैठक में शामिल हुए।
किसकी दावेदारी कितनी मजबूत?
दल-बदल कानून से बचने के लिए अजित को NCP के 53 में से 30 विधायकों को साथ लाना होगा। आज की बैठक में अजित के साथ 30 विधायक पहुंचे। अजित का दावा है कि उनके समर्थक कुछ विधायक अस्पताल में हैं तो कुछ बाहर हैं। लेकिन सभी ने उन्हें समर्थन दिया है। अगर दावे के अनुरूप अजित के पास 36 से ज्यादा विधायकों का समर्थन होता है तो सभी दल-बदल कानून से बच जाएंगे। 36 से कम रहे तो निलंबन तय है।
दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। उम्मीद है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में स्थिति साफ हो जाएगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा।’
अजित गुट ने 29 विधायकों का नाम दिया
यूं तो अजित पवार गुट में 35 विधायकों के पहुंचने की खबर है। हालांकि, अभी 29 विधायकों का नाम जारी किया गया। इसके अलावा चार एमएलसी के नाम भी जारी किए गए।
शरद पवार गुट के सात विधायकों के नाम सामने आए
अब बात शरद गुट की करते हैं। यहां 17 विधायकों के पहुंचने की खबर है। हालांकि, अभी सिर्फ सात विधायकों के नाम सामने आए हैं। इनमें जयंत पाटिल, किरण लहामाटे, अशोक पवार, रोहित पवार, देवेंद्र भुयार, राजेंद्र शिंगणे और अनिल देशमुख हैं।